कोलकाता. राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के दौरान हुए दंगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में “कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी समस्या’’ को राज्य के लिए गंभीर चुनौती बताया है. उनकी रिपोर्ट को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आलोचना की है. तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि “राज्यपाल द्वारा दी गयी रिपोर्ट पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने अपने ‘राजनीतिक असाइनमेंट’ के मद्देनजर यह रिपोर्ट दी है. वह जानते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है, इसलिए यदि स्थिति बिगड़ती है, तो ये शब्द इस मामले में लागू नहीं होते. राज्यपाल को यह भी पता है कि उस सीमावर्ती क्षेत्र की जिम्मेदारी उनके गृह मंत्रालय और बीएसएफ की है. यदि दूसरी तरफ से हमलावर घुसकर उकसाते हैं या अतिक्रमण करते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी बीएसएफ की है.” बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि की बात कहते हुए घोष ने यह भी कहा कि “राज्यपाल की रिपोर्ट में यह उल्लेख होना चाहिए था कि बीएसएफ को अपने कर्तव्यों का उचित ढंग से पालन करना चाहिए. उनकी रिपोर्ट भाजपा को ‘खुश’ करने और बंगाल को ‘बदनाम’ करने का प्रयास है.” रिपोर्ट को लेकर राज्यपाल के आभारी हैं : शमिक भट्टाचार्य
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