संवाददाता, कोलकाता
देश के विभिन्न प्रांतों में काम के सिलसिले में गये प्रवासी बंगाली श्रमिकों द्वारा बांग्ला भाषा बोलने को लेकर उन्हें बांग्लादेशी बताकर उन पर किये जा रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध जताते हुए कई संगठनों को लेकर बनाये गये ””””संविधान बचाओ, देश बचाओ”””” मंच की तरफ से सरकार पर सख्त रूख अपनाने का आह्वान किया गया.
मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंच की तरफ से लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंडल ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से ऐसे प्रवासी बांग्लाभाषी श्रमिकों के लिए सिर्फ हेल्पलाइन नंबर जारी कर देना या लोकसभा अथवा राज्य सभा में इसका विरोध जताने से ही सरकार का दायित्व खत्म नहीं हो जाता. सरकार को चाहिए अविलंब अपना प्रतिनिधिमंडल उन प्रदेशों में भेजे, जहां से इस तरह के अत्याचार की खबरें आ रही हैं, तभी ऐसे लोगों की परेशानी को कम किया जा सकता है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित साह से भी मांग की गयी कि केंद्र सरकार भी इस तरह के मामले न हों, इसे लेकर कारगर कदम उठाये. स्वाधीन देश में कोई भी व्यक्ति रोजगार के लिए देश के किसी भी प्रांत में जाने का हकदार है.
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