कोलकाता. हावड़ा जिले के बाली में आत्महत्या के एक मामले में पुलिस जांच पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाये हैं. अप्रैल 2021 की रात को पति को आत्महत्या करते देखने के बाद भी पत्नी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की. इसके बजाय पत्नी नेहा शुक्ला ने अपने मोबाइल फोन पर पति के फांसी पर लटकने का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. इस मामले में पिछले साल अप्रैल में फॉरेंसिक सैंपल भेजे गये थे, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट नहीं आयी है. बुधवार को हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृ़ता सिन्हा ने पुलिस से पूछा कि आखिर पुलिस ने बिना जांच व फॉरेंसिक रिपोर्ट के केस को कैसे बंद कर दिया. जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा कि इस मामले की जांच सीआइडी या सीबीआइ को क्यों नहीं दी जानी चाहिए. इस पर सरकारी वकील ने कहा कि पिछले साल नवंबर में मामले की जांच शुरू हुई थी. लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण जांच में देरी हो रही है. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि एक पिता अपने बेटे की मौत के लिए न्याय की मांग करते हुए इतने सालों से भटक रहा है. आप उसके बेटे को वापस नहीं ला सकते. कम से कम त्वरित सुनवाई की व्यवस्था करें. न्यायाधीश ने कहा कि दस्तावेजों में कहा गया है कि नवंबर में जांच शुरू की गयी थी, लेकिन पूछताछ के लिए पहला समन फरवरी में भेजा गया, यानी इन तीन महीनों में कुछ नहीं हुआ. न्यायाधीश ने जांच अधिकारी से 20 जून काे मामले की अगली सुनवाई के लिए जांच रिपोर्ट पेश का निर्देश दिया.
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