राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गों पर कहीं भी बैरिकेड्स नहीं लगाये जा सकते

लकत्ता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गों पर रात्रिकालीन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने आदेश दिया कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर कहीं भी बैरिकेड्स या रेलिंग नहीं लगाई जा सकती.

By BIJAY KUMAR | March 31, 2025 11:26 PM
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कोलकाता.

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गों पर रात्रिकालीन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने आदेश दिया कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर कहीं भी बैरिकेड्स या रेलिंग नहीं लगाई जा सकती. इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्गों पर विशिष्ट नियमों के अनुसार बैरिकेड्स, अवरोधक या रेलिंग लगायी जानी चाहिए. अदालत ने राज्य को विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का भी आदेश दिया. खंडपीठ ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर बैरिकेड्स, अवरोधक या रेलिंग का उपयोग इस तरह से किया जाना चाहिए कि वे रात में सड़क पर कम से कम 100 मीटर की दूरी से स्पष्ट रूप से दिखाई दें.

खंडपीठ ने राज्य को यह भी निर्देश दिया कि वह सड़क पर उन सटीक स्थानों को निर्दिष्ट करते हुए दिशानिर्देश जारी करे, जहां बैरिकेड्स का उपयोग किया जा सकता है.

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