नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का प्रदर्शन चौथे दिन भी रहा जारी

कहा- तब तक नहीं हटेंगे, जब तक शिक्षा मंत्री यह आश्वासन नहीं देते कि हमें दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी

By SANDIP TIWARI | May 18, 2025 10:55 PM
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कहा- तब तक नहीं हटेंगे, जब तक शिक्षा मंत्री यह आश्वासन नहीं देते कि हमें दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी

कोलकाता. उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले स्कूल शिक्षकों का प्रदर्शन सॉल्टलेक स्थित पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग मुख्यालय के बाहर रविवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम के लगभग 1,000 प्रदर्शनकारी, जिनमें 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षक भी शामिल हैं, न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित किये गये 25,753 शिक्षकों की सूची में हैं. न्यायालय ने नियुक्ति प्रक्रिया को ‘भ्रष्ट’ बताया था. प्रदर्शनकारी अपनी नौकरी बहाल करने और राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु से मुलाकात की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान कुछ शिक्षक नम आंखों से छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जांचते हुए दिखे, जबकि अन्य सड़क पर झाड़ू लगा रहे थे.फोरम के प्रतिनिधि चिन्मय मंडल ने कहा कि हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे जब तक मंत्री ब्रत्य बसु आकर यह आश्वासन नहीं देते कि हमें दोबारा परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी. राज्य सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल पुनर्विचार याचिका में हमारे पक्ष को भी शामिल किया जाए. प्रदर्शनकारी राज्य सरकार से कानूनी और प्रशासनिक उपायों के माध्यम से तत्काल बहाली की मांग कर रहे हैं. दक्षिण 24 परगना जिले की विज्ञान शिक्षिका जॉली हाजरा ने कहा कि हम इस भ्रष्ट प्रशासन से जीत और न्याय लेकर रहेंगे. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने दावा किया कि 10 से 12 शिक्षकों को 15 मई को विकास भवन के बाहर पुलिस और शिक्षकों के बीच हुई झड़प की जांच के संबंध में पुलिस थाने में पेश होने का नोटिस मिला है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झड़प में कई शिक्षक, विशेषकर महिलाएं, घायल हुए थे. पुलिस उपायुक्त (बिधाननगर) अनीश सरकार ने बताया कि शिक्षा विभाग के फंसे हुए कर्मचारियों को घर लौटने की अनुमति देने के बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रदर्शनकारी अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं.

नौकरी गंवा चुके शिक्षकों ने धरनास्थल की सफाई की

कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुके शिक्षकों व गैर शिक्षा कर्मियों ने विकास भवन के सामने रविवार को धरनास्थल की खुद सफाई की. यहां पिछले कुछ दिनों से शिक्षक व गैर शिक्षाकर्मी नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. रविवार को कुछ लोगों ने हाथों में झाड़ू लेकर सफाई की तो कुछ लोगों ने झाड़ू के विकल्प के रूप में सूखे नारियल के पत्ते इकट्ठा कर विकास भवन के सामने की सड़क की भी सफाई की. बेरोजगार ””योग्य”” शिक्षकों ने अपनी नौकरी वापस मांगते हुए सात मई (2025) को विकास भवन के सामने धरना शुरू किया और लगातार नौकरी लौटाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच प्रदर्शनकारी कुछ शिक्षक पुलिस की लाठी से जख्मी भी हुए हैं, फिर भी समाज निर्माण में मुख्य भूमिका निभाने वाले शिक्षक आंदोलन के रास्ते से विचलित नहीं हुए.

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