संकट में साथ देनेवाले शख्सियत थे कवि काजी नजरूल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘विद्रोही’ कवि काजी नजरुल इस्लाम को सोमवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह संकट के समय साथ खड़े रहनेवाले शख्सियत थे.

By AKHILESH KUMAR SINGH | May 27, 2025 1:57 AM
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बोलीं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने ‘विद्रोही’ कवि को जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

संवाददाता, कोलकाता

राज्य सरकार ने बांग्ला साहित्य में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए कोलकाता के न्यू टाउन में एक सांस्कृतिक केंद्र नजरुल तीर्थ और पश्चिम बंगाल काजी नजरुल इस्लाम अकादमी को कवि को समर्पित किया है. ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा : हमने कवि पर कई शोध पुस्तकें प्रकाशित की हैं. वह हमारे हमेशा याद किये जाने वाले, संकट के समय में खड़े रहने वाले कवि हैं.

मुख्यमंत्री ने गाया नजरूल गीत :

काजी नजरूल इस्लाम की जयंती पर महानगर में स्थित रवींद्र सदन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस मौके पर विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शामिल हुईं. हालांकि, मुख्यमंत्री का समारोह में शामिल होने का कार्यक्रम नहीं था, लेकिन राज्य सचिवालय से निकलने के बाद मुख्यमंत्री सीधे रवींद्र सदन पहुंचीं. कार्यक्रम के दौरान राज्य के सूचना व संस्कृति राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने नजरूल गीत प्रस्तुत कर रहे थे, उसी समय मुख्यमंत्री ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप सही धुन पर नजरूल गीत नहीं गा रहे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने नजरूल गीत गाया. इस मौके पर रूपंकर बागची, ईमन चक्रवर्ती, मनोमय भट्टाचार्य, राघव चट्टोपाध्याय, डोना गांगुली सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.

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