अपराधियों को मिली कड़ी सजा
जुलूस में शामिल लोगों ने बैरिकेड को धक्का दिया और लालबाजार के सामने बनाये गये टेंपरोरी लोहे की दीवार पर चढ़ने की कोशिश की. उनके हाथों में तख्तियां थी जिन पर नारा लिखा था, जब तक अपराधियों और अत्याचारियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिल जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय में बैरिकेड लगाने के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल और रैफ के जवानों को तैनात किया गया था.
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मुख्यमंत्री चाहती हैं कि हम इस भयानक हत्या कांड को भूल जाएं
रैली का नेतृत्व करने वालों में माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम, सूर्यकांत मिश्र, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती, मीनाक्षी मुखर्जी, दिपशिता धर समेत अन्य लोग शामिल थे. नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री चाहती हैं कि हम इस भयानक हत्या कांड को भूल जाएं. उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है या नहीं, उन्हें सजा दी गई या नहीं. वह बस इतना है कि लोग इस मुद्दे को भूल जाएंगे, लोगों का विरोध प्रदर्शन और आंदोलन धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा और लोग अपनी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए जश्न मनाने के मूड में आ जाएंगे.”यह रैली 10 अगस्त से जारी विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला का हिस्सा थी. इस मार्च के कारण सीआर एवेन्यू-बीबी गांगुली स्ट्रीट के बीच वाहनों की आवाजाही बाधित हुई.
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आंदोलनकारी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की कर रहे थे मांग
आंदोलनकारी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. लेकिन उनको लाल बाजार जाने से पहले ही पुलिस ने बैंटिक स्ट्रीट के पास लोहे का बैरिकेड लगाकर रोक दिया. लालबाजार को एक तरह से अभेध किले में बदल दिया गया था. जिससे नाराज आंदोलनकारी कई बार पुलिस के साथ उलझते नजर आये. हालांकि पुलिस ने संयम के साथ उन लोगों को मौके से हटा दियाय. जुलूस पूर्व घोषणा के मुताबिक धर्मतला स्थित लेनिन मूर्ति के पास से शुरू हुआ. जिसे पुलिस ने बैंटिक स्ट्रीट में रोक दिया.आंदोलनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने नौ फीट उंचा लोहे का बैरिकेड सड़कों पर लगाया था.