छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी बहादुर लड़की है
संवाददाता, कोलकाता.
दक्षिण कलकत्ता के लॉ कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा ने अपने दो वरिष्ठ छात्रों एवं एक पूर्व छात्र द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किये जाने की शिकायत दर्ज करने के लगभग तीन हफ्ते बाद, प्रथम सेमेस्टर (छमाही) की परीक्षा दी. पीड़िता के परिवार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. छात्रा के पिता ने बताया कि 25 जून की घटना के बाद से उसने खुद को सभी तरह के भटकाव से दूर रखा और प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा की मुकम्मल तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया. पीड़ित छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने जांचकर्ताओं की मदद की और जरूरत पड़ने पर वकीलों एवं राज्य महिला आयोग के सदस्यों से भी मुलाकात की. काफी तनाव में होने के बावजूद उसने अपनी परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया और खुद को अन्य सभी घटनाक्रमों, खबरों और चर्चाओं से अलग रखा.
उन्होंने कहा कि वह एक बहादुर लड़की है और जानती है कि वह अच्छे शैक्षणिक परिणामों से उन सभी को करारा जवाब दे सकती है, जो उस पर उंगली उठा रहे हैं. पिता ने कहा कि वह बुधवार को परीक्षा देने गयी थी. उन्होंने बताया कि छात्रा ने कॉलेज की मदद से अपना प्रवेश पत्र हासिल किया.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी बेटी शुरू में परीक्षा देने को लेकर दुविधा में थी, तो पिता ने कहा, ‘‘वह सदमे में थी, लेकिन हम उसे परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करते रहे. हमने उससे कहा कि अगर वह परीक्षा देने की ताकत हासिल कर लेती है, तो वह न्याय के लिए लड़ रहे अन्य लोगों के लिए एक मिसाल कायम करेगी. उसे शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है. ऐसी बर्बरता करने वाले अपराधियों को शर्म आनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर वह परीक्षा छोड़ देती, तो उसे पूरक परीक्षा देनी पड़ती, जो हम नहीं चाहते थे, इससे उसका समय काफी नष्ट हो जाता. राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी थीं कि पीड़िता ‘‘सुरक्षित महसूस करते हुए परीक्षा दे सके. उसकी एक सहपाठी ने यह सुनकर खुशी जतायी कि उसने (पीड़िता ने) प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी है. पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने पीड़िता के परीक्षा में बैठने के फैसले पर खुशी जतायी. श्रीमती गंगोपाध्याय ने एक काउंसलर के साथ छात्रा से हुई मुलाकात के दौरान उसे (पीड़िता को) परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया था. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षा देने का उसका फैसला अन्य पीड़ित महिलाओं को प्रेरित करेगा और कथित बलात्कारियों को एक कड़ा संदेश देगा.
गौरतलब है कि छात्रा के साथ 25 जून को कॉलेज परिसर में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसकी शिकायत दर्ज होने के बाद इस सिलसिले में पूर्व छात्र एवं संविदा कर्मचारी मोनोजीत मिश्र और दो छात्रों- जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी, एवं कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है. वे अभी जेल में हैं.
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