वोटर लिस्ट से बंगाल में कटेंगे 90 लाख नाम : शुभेंदु
अधिकारी ने साफ किया कि जो घुसपैठिए हैं, उन्हें बाहर किया जायेगा. अगर बिहार में 30 लाख बाहर किये जायेंगे, तो बंगाल में 90 लाख बाहर किये जायेंगे. जनसंख्या वृद्धि को लेकर उनका कहना था कि राष्ट्रीय औसत की तुलना में बंगाल की वृद्धि दर 10 प्रतिशत बढ़ी है. मतदाताओं में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
By BIJAY KUMAR | July 16, 2025 11:21 PM
कोलकाता.
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में ””””विशेष गहन पुनरीक्षण”””” के दौरान लाखों रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम पाये गये. उन्होंने आरोप लगाया कि म्यांमार से रोहिंग्या भी इसी तरह नेपाल और बांग्लादेश की सीमा पार कर पश्चिम बंगाल में घुसपैठ कर रहे हैं. रोहिंग्या घुसपैठ के कारण उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों का जनसांख्यिकीय स्वरूप बदल गया है. उन्होंने घुसपैठियों की पहचान करने के लिए तुरंत घर-घर तलाशी अभियान शुरू करने की मांग उठायी. उन्होंने कहा कि हमें ””””विशेष गहन पुनरीक्षण”””” करना चाहिए. ” बुधवार दोपहर अधिकारी विधानसभा से भाजपा विधायकों के साथ राज्य चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे. उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल से मुलाकात की. पार्टी की ओर से शिशिर बाजोरिया मौजूद थे. उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा. बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री रोहिंग्याओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जुलूस निकाल रही हैं. वह घुसपैठ के लिए बीएसएफ को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. लेकिन उन्होंने जमीन क्यों नहीं दी. हाल ही में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में भ्रष्टाचार के आरोप में दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप उपखंड के एक सरकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया था. उस संदर्भ का ज़िक्र करते हुए विपक्षी नेता ने कहा, “अगर कोई बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) तृणमूल की बात मानकर ऐसा करेगा, तो उसकी हालत काकद्वीप के बीएलओ जैसी हो जायेगी. ” इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे पश्चिम बंगाल में फ़र्ज़ी आधार कार्ड बनाने का गिरोह सक्रिय है. राज्य के पूर्व मुख्य चुनाव अधिकारी आरिफ आफ़ताब ने पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया था. अधिकारी ने साफ किया कि जो घुसपैठिए हैं, उन्हें बाहर किया जायेगा. अगर बिहार में 30 लाख बाहर किये जायेंगे, तो बंगाल में 90 लाख बाहर किये जायेंगे. जनसंख्या वृद्धि को लेकर उनका कहना था कि राष्ट्रीय औसत की तुलना में बंगाल की वृद्धि दर 10 प्रतिशत बढ़ी है. मतदाताओं में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2014 से 2024 तक मेखलीगंज में मतदाताओं की संख्या में 24.77 प्रतिशत की वृद्धि हुई. माथाभांगा में 21.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कूचबिहार उत्तर में 19.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कूचबिहार दक्षिण में 19.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई. शीतलकुची में 24.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई. दिनहाटा में 25.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसी तरह नाटाबाड़ी, कुमारग्राम और तूफानगंज में 21.10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा, ””””बांग्लादेश की सीमा से लगे नौ जिलों में मतदाताओं की संख्या में औसतन 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कोलकाता में भी रोहिंग्याओं के आने से राजारहाट और कसबा की जनसांख्यिकी बदल गयी है.””””
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