बारुईपुर में रेलवे संपत्ति को भारी नुकसान, 62 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग
कोलकाता. सियालदह मंडल के बारुईपुर स्टेशन के पास गुरुवार देर रात हुए एक हादसे ने रेल यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया. रात 2:02 बजे पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइडीसीएल) द्वारा बिना अनुमति किये गये कार्य के कारण रेलवे के 16 सिग्नलिंग केबल क्षतिग्रस्त हो गये, जिससे 37 ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया और लगभग 12 घंटे तक ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं. रेलवे ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर डब्ल्यूबीएसइडीसीएल को जिम्मेदार ठहराया है और कंपनी से 62 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है. रेलवे की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह घटना सोनारपुर-बारुईपुर, बारुईपुर-डायमंड हार्बर और बारुईपुर-लक्ष्मीकांतपुर सेक्शन में रेल संचालन को प्रभावित करने वाली रही.
क्या है मामला : रेलवे के अनुसार, डब्ल्यूबीएसइडीसीएल की एक टीम ने माइक्रो टनलिंग मशीन के साथ बारुईपुर स्टेशन के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग भवन के पास खुदाई का कार्य शुरू किया. यह कार्य रेलवे से कोई अनुमति लिए बिना और बिना सूचना के किया गया. इस प्रक्रिया में रेलवे की भूमिगत सिग्नलिंग केबलों को गंभीर क्षति पहुंची, जिससे स्टेशन पर सभी सिग्नल सिस्टम पूरी तरह बाधित हो गये.
रेलवे प्रवक्ता ने क्या कहा
सियालदह मंडल के प्रवक्ता एकलव्य चक्रवर्ती ने बताया कि परिचालन को आंशिक रूप से बहाल करने के लिए अस्थायी केबल बिछाने में 15 घंटे का समय लगा. हालांकि, पूरी तरह से व्यवस्थित संचालन फिर से शुरू करने के लिए नयी भूमिगत केबलिंग की आवश्यकता होगी, जो कई दिन का कार्य है. उन्होंने यह भी कहा कि बिना अनुमति इस प्रकार की खुदाई कार्य न केवल रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि हजारों यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं.रेलवे ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए डब्ल्यूबीएसइडीसीएल को नोटिस जारी किया है और आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग की है. इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अनुमति प्रक्रिया और समन्वय व्यवस्था को और सख्त करने की योजना भी बनायी जा रही है.
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