तृणमूल नेतृत्व ने किया था शोकॉज तीन दिन के अंदर मांगा था जवाब
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा ने कसबा स्थित लॉ कॉलेज की छात्रा से जुड़े दुष्कर्म कांड पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए पार्टी नेतृत्व से बिना शर्त माफी मांग ली है. पार्टी ने उन्हें इस टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब उन्होंने तीन दिन की समय सीमा के भीतर सोमवार देर रात दिया. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मित्रा का जवाब संक्षिप्त था और इसमें दो मुख्य बातें थीं. पहले भाग में उन्होंने अपने बयान के लिए औपचारिक और बिना शर्त माफी मांगी, जिससे लोगों में काफी आक्रोश फैल गया था. दूसरे भाग में उन्होंने अपनी टिप्पणी के पीछे की परिस्थितियों और इरादों को स्पष्ट करने की कोशिश की. सूत्रों का कहना है कि पार्टी उनके जवाब की समीक्षा कर रही है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी. यह विवाद तब शुरू हुआ जब कसबा के एक लॉ कॉलेज की छात्रा ने आरोप लगाया कि 25 जून को संस्थान परिसर में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इस घटना के बाद शनिवार को मित्रा ने एक निजी चैनल से कथित तौर पर कहा था कि यदि छात्रा अपने साथ कुछ दोस्तों व सहेलियों को ले जाती या वहां जाने से पहले लोगों को सूचित करती, तो यह घटना संभवतः नहीं होती. इस घटना से लड़कियों को यह संदेश गया है कि यदि कॉलेज बंद होने पर कोई उन्हें बुलाता है, तो मत जाइए. इससे अच्छा कुछ नहीं होगा. अगर वह लड़की वहां नहीं गयी होती, तो यह घटना नहीं होती. जिसने यह गंदा काम किया, उसने स्थिति का एक तरह से फायदा उठाया. बाद में, तृणमूल विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि उनके बयान को उन्हें बदनाम करने के लिए गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
मित्रा से पहले तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने भी इस मामले पर विवादित बयान दिया था. इसके बाद शनिवार को ही तृणमूल ने पार्टी के दोनों नेताओं की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया. एक बयान जारी कर पार्टी ने इसे उनकी ‘निजी राय’ बताया और स्पष्ट किया कि सत्तारूढ़ दल ऐसे विचारों का समर्थन नहीं करता है. मामले को लेकर रविवार को तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी ने मित्रा को कारण बताओ नोटिस भेजा था. इस नोटिस में कहा गया था कि लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आपकी (मित्रा की) टिप्पणी अनुचित और असंवेदनशील है. 28 जून को आपकी अकारण और असंवेदनशील टिप्पणियों से हमारी पार्टी की छवि प्रभावित हुई है. पत्र में मित्रा से पार्टी के नियम और अनुशासन तोड़ने का कारण पूछते हुए तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया था.
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