एसआइआर को लेकर मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग और भाजपा पर साधा निशाना
कहा : मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान लोगों को परेशान न किया जाये
मुख्यमंत्री ने 22 लाख प्रवासी श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार का अवसर प्रदान करने को कहा
संवाददाता, कोलकाता/बोलपुर हमें सभी उत्पीड़ित बंगाली प्रवासियों के साथ खड़ा होना चाहिए.
राज्य के प्रवासी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रमुख से श्रमिकों को वापस लाने का दिया निर्देश:
उन्होंने तृणमूल के राज्यसभा सदस्य और राज्य के प्रवासी श्रमिक प्रकोष्ठ प्रमुख समीरुल इस्लाम को श्रमिकों की वापसी को देखने का निर्देश देते हुए कहा, ‘उन सभी को अभी वापस लाएं.’ सुश्री बनर्जी ने मुख्य सचिव मनोज पंत को श्रम मंत्री मलय घटक के साथ इस मामले में समन्वय स्थापित करने को भी कहा. उन्होंने कोविड महामारी के दौरान श्रमिकों की वापसी की पहल को याद करते हुए कहा: उस समय हम अपने लोगों के साथ खड़े थे. आज हम देख रहे हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं को बांग्लादेशी बताकर हिरासत शिविरों में भेजा जा रहा है. ऐसा नहीं चल सकता. उनकी टिप्पणी गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न और हिरासत में लिए जाने के आरोपों की पृष्ठभूमि में आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
मुख्यमंत्री ने 22 लाख प्रवासी श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार का अवसर प्रदान करने को कहा
संवाददाता, कोलकाता/बोलपुरहमें सभी उत्पीड़ित बंगाली प्रवासियों के साथ खड़ा होना चाहिए.
राज्य के प्रवासी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रमुख से श्रमिकों को वापस लाने का दिया निर्देश:
उन्होंने तृणमूल के राज्यसभा सदस्य और राज्य के प्रवासी श्रमिक प्रकोष्ठ प्रमुख समीरुल इस्लाम को श्रमिकों की वापसी को देखने का निर्देश देते हुए कहा, ‘उन सभी को अभी वापस लाएं.’ सुश्री बनर्जी ने मुख्य सचिव मनोज पंत को श्रम मंत्री मलय घटक के साथ इस मामले में समन्वय स्थापित करने को भी कहा. उन्होंने कोविड महामारी के दौरान श्रमिकों की वापसी की पहल को याद करते हुए कहा: उस समय हम अपने लोगों के साथ खड़े थे. आज हम देख रहे हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं को बांग्लादेशी बताकर हिरासत शिविरों में भेजा जा रहा है. ऐसा नहीं चल सकता. उनकी टिप्पणी गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न और हिरासत में लिए जाने के आरोपों की पृष्ठभूमि में आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है