कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना लक्खी भंडार महिलाओं के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है. राज्य सरकार का दावा है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्खी भंडार योजना शुरू की गयी है. ऐसे में शुक्रवार को विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल में महिला एवं बाल विकास और सामाजिक कल्याण विभाग के मंत्री डॉ शशि पांजा ने सदन को बताया कि इस वक्त राज्य में छह लाख से अधिक महिलाओं को वृद्धा पेंशन मिल रही है. उन्होंने बताया कि लक्खी भंडार योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं को वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि 60 वर्ष की आयु को पार करनेवाली महिलाओं को स्वत: लक्खी भंडार से वृद्धा पेंशन के लिए पंजीकृत कर दिया जाता है. उन्होंने सदन को बताया कि फिलहाल छह लाख 34 हजार 837 महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष पार करने पर उन्हें स्वत: वृद्धा पेंशन का लाभ मिल रहा है. यानी ओल्ड एज पेंशन के लिए नामांकन नहीं कराना पड़ा है. वहीं कुल छह लाख 82 हजार 895 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें पहले लक्खी भंडार का लाभ मिल रहा था. वहीं 60 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें स्वत: ही वृद्धा पेंशन, तपोशीली बंधु और जय जोहार पेंशन मिल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि 31 अक्तूबर 2024 तक दो करोड़ 15 लाख 88 हजार 775 महिलाओं को लक्खी भंडार योजना का लाभ मिल चुका है. मंत्री ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लक्खी भंडा योजना की शुरुआत करते समय घोषणा की थी कि इस योजना के तहत राज्य की 25 से 60 उम्रवाली महिलाओं को मासिक भत्ता मिलेगा. वहीं 60 वर्ष की आयु को पार करते ही उन्हें वृद्धा पेंशन के रूप में भत्ता मिलना शुरू हो जायेगा. इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने दावा किया राज्य सरकार की इस योजना का अनुसरण यहां तक कि भाजपा शासित राज्य भी करने लगे हैं. इसके बावजूद राज्य के विपक्षी दल इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हैं. ऐसे में विशेष कर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अन्य राज्यों ने लक्खी भंडार को ध्यान में रखते हुए ऐसी परियोजनाएं शुरू की हैं. कुछ राज्यों में कई शर्तें लगायी गयी हैं. हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार की इस योजना के लिए कोई शर्तें नहीं हैं. कोई भी महिला लक्खी भंडार योजना का लाभ उठा सकती है.
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