सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में बंगाल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 23 से 25 मई तक
कोलकाता.पश्चिम बंगाल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. कई ऐसे कलाकार हैं, जो समाज के अहम मसलों को छूनेवाली बेहतरीन फिल्में बनाते हैं. लघु फिल्में बनाने का उनमें हुनर है, लेकिन उनको एक बड़ा मंच नहीं मिलता है. ऐसे युवा फिल्म निर्माताओं, कहानीकारों और कलाकारों को अपना कौशल दिखाने का एक बड़ा मंच प्रदान करने के लक्ष्य के साथ 23 से 25 मई तक ‘बंगाल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल’ सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में आयोजित किया जायेगा. ‘न्यू वॉइसेस न्यू विजंस’ थीम पर आधारित इस बंगाल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में कई नये युवा शॉट फिल्मकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा. यह जानकारी बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बीएसएफएफ 2025 के मुख्य संरक्षक डॉ राजीव सील, फिल्म निर्देशक कौशिक गांगुली और फिल्म निर्माता देबाशीष बसु ने दी. उन्होंने बताया कि नयी सिनेमैटिक युवा प्रतिभाओं के काम को एक पहचान दिलाने व उनको प्रोत्साहित करने के लिए यह मंच एक बड़ा अवसर साबित होगा. पूर्वी भारत के अग्रणी डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म ‘टूडेस स्टोरी न्यूज’ द्वारा आयोजित किये जा रहे इस फिल्मोत्सव में 50 शॉर्ट फिल्में और डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेंगी. ‘टूडेस स्टोरी न्यूज’ कला, संस्कृति, निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है. ‘बंगाल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल’ में जाने माने फिल्म निर्माताओं और टेक्नीशियंस द्वारा एक्सक्लूसिव मास्टर क्लासेस, फिल्म विवेचना सत्र, फिल्म निर्देशकों, इंडस्ट्री विशेषज्ञों व शिक्षाविदों के साथ एक संवाद सत्र भी आयोजित किया जायेगा. इस फिल्मोत्सव में विजेता फिल्ममेकर को ‘देव कुमार बसु मेमोरियल अवॉर्ड’ भी दिया जायेगा. बीएसएफएफ 2025 के मुख्य संरक्षक डॉ राजीव सील और फेस्टिवल की निर्देशक नुपूर राय ने बताया कि समाज की समस्याओं या मसलों पर क्रिएटिव फिल्म बनाने वाले कई कलाकार हैं, लेकिन उनको अपना हुनर दिखाने का कई बार मंच या मौका नहीं मिलता है. एक छोटा रचनात्मक फिल्ममेकर या कलाकार भी बहुत बड़ा काम कर सकता है, या बड़ी सामाजिक चेतना अपने क्रिएशन से जगा सकता है, उनको अवसर दिया जाना चाहिए, इसी उद्देश्य के लिए बंगाल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2025 काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. इस साल भारतीय सिनेमा के दो अग्रणी महान फिल्म निर्देशक व अभिनेता हीरालाल सेन और देवकी कुमार बसु को श्रद्धांजलि स्वरूप यह फिल्मोत्सव समर्पित है. कार्यक्रम में फ़िल्म निर्देशक कौशिक गांगुली ने कहा कि फिल्मों में रुचि रखने वाले कई ऐसे लोग हैं, जो शॉट फिल्में बनाते हैं, लेकिन उनको अच्छा मार्केट नहीं मिल पाता. वह अपनी संवेदनशीलता व अपने आइडिया को मूर्त रूप देकर अच्छी शॉट फिल्म बनाते हैं, लेकिन कई बार उनको अपना कौशल दिखाने का अवसर नहीं मिलता है. इस फेस्टिवल से कई नयी प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा. सिनेमा केवल, कथा-कहानी नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक संवेदना है, जिसे कलाकार अपनी पूरी ताकत लगाकर फिल्म में दिखाने की कोशिश करते हैं. कार्यक्रम में अभिनेत्री देबलीना दत्ता, चैती घोषाल, देबाशीष बसु (फिल्म निर्माता), सौम्यो बनर्जी, अभिनेता प्रदीप भट्टाचार्य, पिंकी बनर्जी, सयाक चक्रवर्ती सहित कई फिल्मी कलाकार उपस्थित थे.
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