कोलकाता. महानगर में स्थित कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की शिक्षिका ने मातृत्व अवकाश को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. शिक्षिका ने कहा है कि उसके 13 महीने के जुड़वां बच्चे हैं. उनके पालन-पोषण के लिए उन्होंने कॉलेज प्रबंधन कमेटी से छुट्टी की मांग की थी. उन्होंने अपने आवेदन में कहा था कि एक मां के लिए इतने छोटे बच्चों को छोड़कर कॉलेज जाना संभव नहीं है. लेकिन कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की अर्थशास्त्र की शिक्षिका के अनुरोध पर कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. अंत में शिक्षिका ने बिना अनुमति के छह महीने की छुट्टी ले ली. बिना अनुमति के छुट्टी लेने पर कॉलेज प्रबंधन समिति ने उनका वेतन रोक दिया. इसके बाद कॉलेज शिक्षिका ने कॉलेज प्रशासन से वेतन के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने कॉलेज प्रबंधन समिति के फैसले को खारिज कर दिया. जज ने आदेश दिया कि शिक्षिका को छह सप्ताह के भीतर बकाया वेतन दे दिया जाए. साथ ही कोर्ट ने कहा कि शिक्षिका बच्चे के पालन-पोषण के लिए एक साल से अधिक की छुट्टी ले सकती है. वह करीब 400 दिन की अतिरिक्त छुट्टी की हकदार है. कानून ने उसे यह अधिकार दिया है. कानून के मुताबिक, एक कामकाजी मां बच्चे के 18 साल का होने तक 730 दिन की छुट्टी ले सकती है और शिक्षिका इससे ज्यादा छुट्टी पाने की हकदार है. कोर्ट ने कहा कि शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. यह कहते हुए न्यायाधीश ने कॉलेज प्रबंधन को वेतन के रूप में बकाया चार लाख रुपये का भुगतान भी छह सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया.
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