राज्य सरकार की नयी ओबीसी सूची पर उच्च न्यायालय ने लगायी है अंतरिम रोकसंवाददाता, कोलकाता अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे में उप-श्रेणियां जोड़ने के फैसले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगायी थी. राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पिछली 113 श्रेणियों वाली लिस्ट को बदलकर 140 उप-श्रेणियों वाली लिस्ट लायी गयी थी. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने 10 जून को पश्चिम बंगाल विधानसभा में संशोधित ओबीसी-ए और ओबीसी-बी सूची पेश की थी, जिसमें 76 नयी श्रेणियों को शामिल किया गया था. इस प्रकार कुल संख्या 140 हो गयी. इस लिस्ट में 80 मुस्लिम और 60 गैर-मुस्लिमों को रखा गया. मुस्लिम उप-श्रेणियों की संख्या 77 से बढ़कर 80 की गयी थी, जबकि गैर-मुस्लिम श्रेणियों की संख्या 36 से बढ़कर 60 की गयी. राज्य सरकार के हालिया फैसले पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने 17 जून को अपना फैसला देते हुए अंतरिम रोक लगायी. हाइकोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका लगायी गयी थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 31 जुलाई तय की गयी है. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने कहा कि अंतरिम रोक 31 जुलाई तक प्रभावी रहेगी, जब मामले की अगली सुनवाई होगी और राज्य सरकार सूची के आधार पर कोई कदम नहीं उठा सकता. हालांकि, फिलहाल बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है. इसके पहले की लिस्ट को हाइकोर्ट ने रद्द करते हुए उससे संबंधित सभी सरकारी आदेशों और ओबीसी जाति प्रमाणपत्र आवेदन पोर्टल को भी निलंबित कर दिया था. हाइकोर्ट ने सरकार की पिछली ओबीसी सूची को 113 उप-श्रेणियों के साथ खारिज कर दिया था, जिनमें से 77 मुस्लिम समुदाय से संबंधित बताये गये थे.
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