कोलकाता. उनका बेटा और बहू ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. 60 वर्षीय गायत्री कोले वहां जाना चाहती थीं, लेकिन नागरिकता के मुद्दे के कारण वीज़ा न मिलने के कारण उनकी विदेश यात्रा बाधित हो रही थी. न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने वृद्ध महिला को तुरंत वीज़ा देने का आदेश दिया है. अदालत की प्रारंभिक टिप्पणी यह है कि जब सभी दस्तावेज़ों की जांच के बाद उन्हें पासपोर्ट मिल गया, तो नागरिकता पर सवाल कैसे उठ सकते हैं. याचिकाकर्ता के वकील सुदीप घोष चौधरी और पृथा विश्वास ने कहा कि श्रीरामपुर निवासी गायत्री कोले का बेटा एक निजी कंपनी में काम करता है. उनकी बहू को भी ऑस्ट्रेलिया में एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गयी है. श्रीरामपुर में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. इसलिए अपने बेटे और बहू से मिलने के लिए कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया. उन्हें पिछले साल सितंबर में पासपोर्ट मिल गया था, लेकिन वीज़ा रोक दिया गया था. उन्होंने इसी साल वीज़ा के लिए आवेदन किया था, लेकिन केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनकी नागरिकता पर सवाल है. अदालत में सवाल उठाते हुए आवेदक के वकील ने दावा किया कि पुलिस ने उनके पास मौजूद सभी दस्तावेज़ों की जांच के बाद उन्हें पासपोर्ट मिला था. अदालत ने आवेदक के सभी दस्तावेज़ों की समीक्षा के बाद तुरंत उनकी विदेश यात्रा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है.
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