हावड़ा. कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में रविवार को आयोजित वाममोर्चा की सभा में जाने वाले कार्यकर्ताओं का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब वह स्टीमर से बाबूघाट जाने के लिए हावड़ा स्टेशन के विपरीत फेरी घाट पर पहुंचे थे. ये उपनगरीय इलाकों से ट्रेन के जरिए हावड़ा स्टेशन आये थे. यहां से फेरी घाट पहुंचे. लेकिन फेरी सेवा बंद रहने से सभी आक्रोशित हो उठे और धरना-प्रदर्शन करने लगे. पथावरोध कर दिया. हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप से अवरोध खत्म हुआ और वाममोर्चा कार्यकर्ता हावड़ा ब्रिज होते हुए ब्रिगेड के लिए रवाना हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह जान-बूझकर किया गया है. प्रतिहिंसा की राजनीति का यह नमूना है. लेकिन सरकार की इस हरकत से हमलोग डरने और रुकने वाले नहीं हैं. स्टीमर व कर्मचारी की कमी से बंद करनी पड़ी फेरी सेवा : समिति हुगली नदी जलपथ परिवहन समवाय समिति के डायरेक्टर अजय दे ने प्रतिहिंसा की घटना से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि रविवार को दो-तीन घाटों से फेरी सेवा का परिचालन होता है, लेकिन स्टीमर और कर्मचारियों की संख्या जरूरत के हिसाब से कम होने के कारण फेरी सेवा बंद करने का फैसला लिया गया. इससे राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जो स्टीमर उपलब्ध है, उसकी क्षमता कम है. चूंकि भीड़ अधिक थी, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर फेरी सेवा बंद करनी पड़ी.
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