संवाददाता, कोलकाता
न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने 23 मई के अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामलों में देरी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कठिनाई होती है, जो जीविका के लिए इस बकाया राशि पर निर्भर होते हैं.
चुंचुड़ा नगरपालिका से जुड़ा है मामला
चुंचुड़ा नगरपालिका में ग्रुप डी पद से सेवानिवृत कर्मचारियों ने पेंशन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट का रुख किया था. याचिकाकर्ता सहित 148 कर्मचारी 1991-92 में भर्ती हुए थे. लेकिन रिटायरमेंट के बाद नगरपालिका ने इन कर्मचारियों को पेंशन देने से इनकार कर दिया. 2021 में पश्चिम बंगाल सरकार ने ई-पेंशन पोर्टल शुरू किया. यह अर्बन लोकल बॉडीज ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम से डेटा लेता है. लेकिन रिटायर्ड कर्मचारियों का डेटा पोर्टल पर नहीं था. निदेशालय ने बताया कि नगरपालिका ने ग्रुप डी कर्मचारियों की जानकारी नहीं दी. हाइकोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही माना और नगरपालिका को जम कर फटकार लगायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है