कोलकाता. कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज कुमार वर्मा ने दक्षिण कोलकाता में कालीघाट और अलीपुर पुलिस थानों के अंतर्गत कुछ इलाकों में अगले 60 दिनों के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिसके तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक रहेगी. पुलिस द्वारा जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी कालीघाट पुलिस थाना क्षेत्र में रहते हैं. यह अधिसूचना भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार और लंदन में रहने वाले एक चिकित्सक के निकटवर्ती भवानीपुर क्षेत्र में सड़क किनारे संक्षिप्त बातचीत के बाद हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद जारी की गयी. अधिसूचना में कहा गया है कि जनता के एक वर्ग या संगठन द्वारा प्रदर्शन, रैलियां या बैठकें करने के लिए पर्याप्त कारण हैं, जिससे क्षेत्र में शांति भंग हो सकती है और मानव जीवन को खतरा हो सकता है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जारी आदेश में 24 जून से 22 अगस्त तक या अगले आदेश तक उक्त क्षेत्र में ‘पांच या अधिक व्यक्तियों का कोई भी गैरकानूनी जमावड़ा, लाठी, कोई घातक या अन्य खतरनाक हथियार लेकर चलना या ऐसा कोई कार्य करना जिससे शांति भंग होने की संभावना हो’ पर रोक लगायी गयी है. एक अधिसूचना में हरीश मुखर्जी रोड और उसके आसपास के क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है. एक अलग अधिसूचना में अलीपुर पुलिस थाना के अंतर्गत कुछ क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की निषेधाज्ञा लागू की गयी है. ब्रिटेन के ‘केलॉग कॉलेज व्याख्यान’ विवाद की तरह एक नाटकीय घटनाक्रम में डॉ सुकांत मजूमदार और लंदन में रहने वाले डॉ रजत शुभ्र बनर्जी को शुक्रवार को पुलिस ने कई घंटों तक हिरासत में रखा. यह घटना उस समय घटी, जब उन्होंने कालीघाट पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत भवानीपुर में सड़क किनारे संक्षिप्त बातचीत की थी. भाजपा ने आरोप लगाया है कि मार्च में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में एक व्याख्यान के दौरान मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ डॉक्टर की हुई बहस की वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया. मजूमदार पुलिस द्वारा लगायी गयी पाबंदी के बावजूद हरीश मुखर्जी रोड पर ब्रिटिश पासपोर्ट धारक डॉक्टर से मिलने उनके आवास जा रहे थे.
संबंधित खबर
और खबरें