चंदननगर से पाक नागरिक की गिरफ्तारी को लेकर सियासी जंग शुरू

महिला के पास मतदाता पहचान पत्र है. यही नहीं, वह वर्षों से यहां मतदान भी कर रही है.

By SANDIP TIWARI | May 4, 2025 11:09 PM
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हुगली. चंदननगर के कुठीरमाठ इलाके में करीब 45 वर्षों से रह रही पाकिस्तानी महिला फातिमा बीबी (मल्लिक) को लेकर राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गयी है. इस महिला के पास मतदाता पहचान पत्र है. यही नहीं, वह वर्षों से यहां मतदान भी कर रही है. हालांकि, अब उसकी नागरिकता को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गयी है. इस बारे में चंदननगर नगरपालिका के डिप्टी मेयर मुन्ना अग्रवाल ने कहा : 1980 में जब वह महिला भारत आयी थी, तब हमारी सरकार नहीं थी. यह जांच का विषय है कि उस समय वोटर लिस्ट में उसका नाम कैसे दर्ज हो गया. चूंकि वह 45 वर्षों से यहां रह रही है और उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, इसलिए मानवीय दृष्टिकोण से इस मुद्दे पर विचार होना चाहिए. वहीं, माकपा के चंदननगर क्षेत्रीय सचिव ऐक्यतान दासगुप्ता ने इसे केंद्र सरकार की लापरवाही बताया. उन्होंने कहा : 1985 से लेकर अब तक कई सरकारें बदलीं, लेकिन यह मुद्दा गृह मंत्रालय की चूक का उदाहरण है. टूरिस्ट वीजा पर आयी महिला का वीजा समाप्त हो जाने के बाद भी वह यहां कैसे यहां रह गयी. इसका उत्तर केंद्र सरकार को देना होगा.

पाकिस्तानी महिला को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

चंदननगर पुलिस ने पाकिस्तानी महिला फातिमा बीबी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उसके परिवार का कहना है कि उनकी उम्र 60 से अधिक है और वह कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है. उसके घुटनों का ऑपरेशन भी होना है. दवाइयों के बिना उसका रहना, असंभव है.

प्रदेश भाजपा ने भी साधा निशाना

वहीं, भाजपा नेता गोपाल चौबे ने आरोप लगाया कि न सिर्फ चंदननगर, बल्कि उर्दीबाजार, चांपदानी, भद्रेश्वर और बिलकुली जैसे इलाकों में भी कई पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं. उन्होंने कहा : इन सबके पास आधार, पैन व राशन कार्ड तक हैं. प्रशासन अब तक क्या कर रहा था? अब सभी को चिह्नित कर कार्रवाई करनी होगी. स्थानीय निवासी और पड़ोसी भी सरकार से अपील कर रहे हैं कि इस मामले को मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाये. उनका कहना है कि जब फातिमा बीबी के पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं, शादी कानूनी तौर पर हुई है और उसकी संतानों का भविष्य भारत से जुड़ा है, तो अब उन्हें पाकिस्तान भेजने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि वहां अब उसका कोई नहीं है.

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