विद्यासागर विवि में आम विषयों की लोकप्रियता घटी

उच्च शिक्षा में बदल गयी हैं विद्यार्थियों की प्राथमिकताएं, रोजगारपरक शिक्षा व पाठ्यक्रमों को मिल रहा है खास तवज्जो

By GANESH MAHTO | July 24, 2025 1:50 AM
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अब करियर-उन्मुख पाठ्यक्रमों पर जोर

इन पाठ्यक्रमों में अरोमाथेरेपी कला, मत्स्य विज्ञान, मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटी केयर जैसे विषय प्रमुख होंगे.

छात्रों की बदलती समझ और रोजगार की प्राथमिकता

यूनिवर्सिटी अधिकारियों का कहना है कि आज के छात्र केवल डिग्री नहीं, बल्कि सीधे रोजगार से जुड़ने वाले कौशल सीखना चाहते हैं. देबरा कॉलेज और मुगबेरिया गंगाधर कॉलेज जैसे संस्थानों में पहले से ही इस तरह के कोर्स लोकप्रिय हो चुके हैं.बैठक में उपस्थित योगदा सत्संग पालपाड़ा महाविद्यालय के प्रोफेसर सुमन मंडल ने ब्यूटीशियन प्रशिक्षण शुरू करने का सुझाव दिया, जिस पर कुलपति ने अरोमाथेरेपी जैसे पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देने की बात कही.

राज्य स्तरीय परीक्षा स्थगन और छात्रों में निराशा

विशेषज्ञों की राय में राज्य में स्कूल सर्विस कमीशन जैसी परीक्षाओं के लगातार विलंबित होने से सामान्य ऑनर्स या बीएड डिग्रीधारी छात्र अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं, निराश हैं. ऐसे में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की ओर उनका रुझान स्वाभाविक है.

शिक्षकों की कमी बनी हुई है चुनौती

हालांकि मत्स्य विज्ञान जैसे नये विषयों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी एक चुनौती है, लेकिन प्रारंभिक चरण में वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान विभागों के प्रोफेसरों की मदद से कोर्स शुरू किए जायेंगे. साथ ही, भविष्य में विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति भी की जायेगी.

अगले कदम व दिशानिर्देश

यूनिवर्सिटी ने सभी संबद्ध कॉलेजों को 2023 से 2025 तक के प्रवेश आंकड़े भेजने को कहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि किन विषयों में सीटें कम करनी हैं या कोर्स बंद करना है. साथ ही प्रत्येक कॉलेज को वर्क-ओरियेंटेड कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया, संभावित चुनौतियों और समाधान संबंधी दिशानिर्देश भी भेजे जायेंगे.

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