नाबालिगों के यौन उत्पीड़न व दुष्कर्म के दोषियों की सजा मुकर्रर

नाबालिगों के यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर कोर्ट ने शनिवार को सजा सुनायी है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 20, 2025 1:03 AM
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संवाददाता, कोलकाता

नाबालिगों के यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर कोर्ट ने शनिवार को सजा सुनायी है. न्यायाधीश ने शनिवार को एक दोषी को 20 साल और दूसरे को 10 साल कारावास की सजा सुनायी है.

इस दिन डायमंड हार्बर कोर्ट में शनिवार को नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के दो मामलों की सुनवाई हुई.

कोर्ट ने सबूतों के आधार पर दोनों लोगों को दोषी पाया और उनके सजा मुकर्रर कर दी. एक मामले में दोषी करार दिया शख्स एक ट्यूटर का बेटा है. दीपांजन मंडल नाम के युवक को 20 साल कारावास की सजा सुनायी गयी है. उसने फलता इलाके में पांच नाबालिगों का यौन उत्पीड़न किया था. इसके अलावा, वह पांचों नाबालिगों को कई अश्लील वीडियो भी दिखाता था. उस मामले में कोर्ट ने तीन पीड़ितों के परिवारों को 4.5 लाख रुपये और दो अन्य को 75 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है.

दूसरी ओर, अदालत ने 25 मई, 2011 को उस्ती के अमलारचक मैदान में 12 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी सैफुद्दीन मोल्ला उर्फ बाबूलाल को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने (नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त जेल) की सजा सुनायी है. लंबी सुनवाई के बाद, उसे 16 जुलाई को दोषी करार दिया गया था. इन दोनों मामलों में पीड़ित परिवार त्वरित जांच और मुकदमे की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं. सरकारी वकील दिवाकर पाखिरा और कमल शाह का दावा है कि पुलिस की सक्रियता और ट्रायल मॉनिटरिंग सेल की गतिविधियों के कारण मामलों का निबटारा जल्दी हुआ है.

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