धनबाद की इंजीनियरिंग छात्रा की रहस्यमयी मौत मामला परिजनों ने लगाया साक्ष्य नष्ट करने और पुलिस की निष्क्रियता का आरोप, सीआइडी जांच की मांग कोलकाता. कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में धनबाद की इंजीनियरिंग छात्रा की रहस्यमयी मौत के मामले में नये मोड़ सामने आये हैं. मृतका के पिता और धनबाद जिला सत्र न्यायालय के अधिवक्ता सुरेंद्र सिन्हा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नंद बिहारी यादव ने बारासात जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दाखिल कर जांच अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पुलिस की भूमिका पर सवाल, सबूत नष्ट करने का आरोप: याचिका में कहा गया है कि 24 जनवरी 2025 को मृतका की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच न तो निष्पक्ष है और न ही संतोषजनक. अधिवक्ता श्री यादव ने आरोप लगाया है कि जांच अधिकारी जानबूझकर केस में देरी कर रहे हैं और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य अभियुक्त विशाल सिंह के माता-पिता ने मृतका के बैंक खाते से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराये, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. याचिका में मांग की गयी है कि फॉरेंसिक जांच, पेन ड्राइव की जांच और अभियुक्त के परिजनों की गिरफ्तारी में हो रही देरी की स्वतंत्र समीक्षा की जाये और जांच की प्रगति रिपोर्ट जल्द से जल्द अदालत में पेश की जाये. सीआइडी जांच की मांग, अगली सुनवाई की तारीख तय: पुलिस की निष्क्रियता और जांच में अनियमितता को देखते हुए अधिवक्ता ने मामले को सीआइडी को सौंपने की मांग की है. साथ ही न्यायालय से अनुरोध किया है कि जांच अधिकारी की भूमिका की समीक्षा की जाये. ज्ञात हो कि मुख्य अभियुक्त विशाल सिंह की जमानत याचिका पहले ही बारासात जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है. कोर्ट ने पुलिस को गहराई से जांच करने और आरोपियों के माता-पिता की गिरफ्तारी पर विचार करने का निर्देश दिया था. अब बारासात के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी है. परिजनों को उम्मीद है कि न्यायालय के हस्तक्षेप से मामले में निष्पक्ष जांच हो सकेगी और उन्हें न्याय मिलेगा. पुलिस पर हत्या को आत्महत्या में बदलने का आरोप मामले की पृष्ठभूमि में बताया गया है कि मृतका कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. 24 जनवरी की रात उसकी मौत हो गई थी. उसके पिता ने न्यू टाउन थाना में कांड संख्या 18/2025 के तहत भारतीय न्यायतंत्र संहिता (बीएनएस) की धारा 108 में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सुनियोजित हत्या है और पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के दौरान हत्या का मुकदमा लेने से इनकार कर, केवल उकसाने का मामला दर्ज किया. श्री यादव के अनुसार, घटना की रात आरोपी विशाल सिंह और जयप्रकाश सिंह फ्लैट में मौजूद थे, जिसकी पुष्टि विजिटर रजिस्टर से होती है. साथ ही, पेन ड्राइव में भी कई प्रमाण हैं, जिन्हें जांच अधिकारी को सौंपा जा चुका है. फिर भी पुलिस ने चार्जशीट में तथ्यों को नजरअंदाज कर अपूरक प्रोविजनल रिपोर्ट दाखिल कर दी.
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