कोलकाता. जाली दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के मामले की जांच के दौरान फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इसके तार दक्षिण 24 परगना के भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके से जुड़े हैं. इस मामले में दक्षिण 24 परगना के गोसाबा थाना क्षेत्र के पठानखाली ग्राम पंचायत के एक ठेका कर्मी गौतम सरदार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले की जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के सिक्योरिटी कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (एससीओ) रैकेट से जुड़े तमाम लोगों का पता लगाने की कोशिश में है. सूत्रों की मानें, तो सरदार को लेकर पुलिस को अहम तथ्य मिले हैं. उसपर आरोप लग रहे हैं कि उसने अपने सहयोगियों की मदद से 3500 से भी ज्यादा फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाये हैं. जाली बर्थ सर्टिफिकेट के लिए तीन से पांच हजार रुपये तक लिए जाते थे. आरोपी के जरिये कौन-कौन से लोगों ने जाली बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाणपत्र) बनवाये और इस फर्जीवाड़े में सरदार के साथ और कौन लोग शामिल थे, पुलिस इसका पता लगाने की कोशिश में है. पिछले महीने कोलकाता पुलिस के एससीओ ने भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले पोर्ट इलाके के रहने वाले एक युवक को जाली जन्म प्रमाण पत्र जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि आरोपी ने गोसाबा से जाली बर्थ सर्टिफिकेट बनवाये थे. बर्थ सर्टिफिकेट पठानखाली ग्राम पंचायत द्वारा जारी करने का उल्लेख था, लेकिन तफ्तीश में इसके फर्जी होने का पता चला. इसके बाद उक्त ग्राम पंचायत के ठेका कर्मी सरदार का पता चला. बाकी पेज 08 पर गोसाबा: फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट… एससीओ की शिकायत पर स्थानीय थाने ने उसे गिरफ्तार किया. बाद में मामले की जांच के तहत एससीओ ने भी उससे पूछताछ की और फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ. सरदार कई साइबर कैफे मालिकों के साथ भी संपर्क में था, जो जांच के दायरे में हैं. गौरतलब है कि गत मार्च में कोलकाता पुलिस ने भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के संदेह में 69 व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था. पुलिस ने 130 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किये. पुलिस की जांच का यह भी अहम हिस्सा है कि कितने बांग्लादेशियों को गिरोह ने फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं.
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