बंगाल को मनरेगा के तहत फंड आवंटन की सिफारिश

कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लंबित भुगतान बिना देरी के जारी किये जाने चाहिए. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चल रही ग्रामीण विकास परियोजनाएं रुकी न रहें और लक्षित लाभार्थियों को वित्तीय बाधाओं के कारण नुकसान न उठाना पड़े. केंद्र ने मार्च 2022 से मनरेगा के तहत फंड का आवंटन बंद कर दिया है.

By BIJAY KUMAR | March 15, 2025 11:19 PM
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कोलकाता.

ग्रामीण विकास और पंचायती राज की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत धन न मिलने से पश्चिम बंगाल में गंभीर परिणाम सामने आये हैं. रिपोर्ट में केंद्र से राज्य को धन जारी करने की सिफारिश की गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है, धन के निरंतर निलंबन से गंभीर परिणाम सामने आए हैं, इसकी वजह से बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और साथ ही ग्रामीण विकास पहलों में भी बाधाएं आ रही हैं. इसका ग्रामीण आबादी की आजीविका पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे राज्य में आर्थिक कठिनाइयां बढ़ गयी हैं. कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लंबित भुगतान बिना देरी के जारी किये जाने चाहिए. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चल रही ग्रामीण विकास परियोजनाएं रुकी न रहें और लक्षित लाभार्थियों को वित्तीय बाधाओं के कारण नुकसान न उठाना पड़े. केंद्र ने मार्च 2022 से मनरेगा के तहत फंड का आवंटन बंद कर दिया है. स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि केंद्र ने सूचित किया है कि चालू वित्त वर्ष (2024-25) में पश्चिम बंगाल को 7,888.67 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय सक्षम प्राधिकारी के पास लंबित है.
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