संवाददाता, कोलकाता.
महानगर सहित पूरे पश्चिम बंगाल में शनिवार को उल्टा रथयात्रा का उत्सव बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया. भक्तों ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को खींचकर इस पर्व को मनाया. इस साल पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में नव-निर्मित जगन्नाथ मंदिर में पहली बार रथयात्रा और उल्टा रथयात्रा मनायी गयी. यहां रथों को मौसी के घर से नये जगन्नाथ मंदिर तक खींचा गया. कोलकाता शहर में भी विभिन्न स्थानों पर उल्टा रथयात्रा निकाली गयी, जिनमें पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग, मौलाली, पार्क सर्कस 7 पॉइंट, शेक्सपियर सरणी और इस्कॉन मंदिर तक के मार्ग शामिल थे. हजारों की संख्या में भक्त एकत्रित हुए और ‘हरे कृष्ण’ तथा ‘जय जगन्नाथ’ के जयकारों के साथ नृत्य करते हुए रथ की रस्सियों को खींचा. इस्कॉन द्वारा आयोजित धार्मिक जुलूस मध्य और दक्षिण कोलकाता के प्रमुख मार्गों से होते हुए अल्बर्ट रोड स्थित राधा कृष्ण मंदिर पहुंचा. इस दौरान लोगों में तीनों देवताओं के रथों की रस्सियों को छूने की होड़ लगी रही. नदिया जिले के मायापुर स्थित इस्कॉन के वैश्विक मुख्यालय में भी वापसी उल्टा रथयात्रा निकाली गयी, जिसमें हजारों भक्त शामिल हुए. 27 जून को रथ यात्रा के नौ दिन बाद उल्टा रथयात्रा के अवसर पर माहेश, महिषादल, बेलघरिया के रथतला, बागबाजार, जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर, इंग्लिश बाजार और राज्य के अन्य हिस्सों में भी फूलों से सजे रथ ढोल-नगाड़ों और झांझ-मंजीरों की थाप के बीच निकाले गये, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है