आइईएम के नये बीटेक बैच का रोबोट ने किया स्वागत

इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (आइईएम) ने अपने 2025 के बीटेक बैच के लिए एक जीवंत, तकनीक-फ्रेंडली स्वागत समारोह में रेड कारपेट बिछाया, जिसमें गेट पर रोबोट तैनात थे.

By SUBODH KUMAR SINGH | July 7, 2025 1:22 AM
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संवाददाता, कोलकाता.

इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (आइईएम) ने अपने 2025 के बीटेक बैच के लिए एक जीवंत, तकनीक-फ्रेंडली स्वागत समारोह में रेड कारपेट बिछाया, जिसमें गेट पर रोबोट तैनात थे. कोलकाता में गुरुकुल परिसर जीवंत हो उठा, जब आइईएम के छात्रों द्वारा सेट की गयीं मशीनों ने नये छात्रों का स्वागत किया, जिसने नवाचार और वास्तविक दुनिया की तकनीक के संपर्क में निहित कॉलेज यात्रा की शुरुआत की. आने वाले बैच से बात करते हुए डॉ सत्यजीत चक्रवर्ती ने कहा कि आइईएम में हम पहले दिन से ही वास्तविक दुनिया के कौशल का निर्माण करना शुरू कर देते हैं. रोबोटिक स्वागत केवल एक शो नहीं है, यह इस बात की एक झलक है कि हमारे छात्र क्या बना सकते हैं और हम उन्हें विचारों और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित दुनिया के लिए कैसे तैयार करते हैं. नये जमाने की शिक्षा, व्यावहारिक परियोजनाओं और उद्योग एकीकरण पर शुरू से ही ध्यान केंद्रित करने के साथ आइईएम सिर्फ़ कक्षा शिक्षा से कहीं ज़्यादा के लिए प्रतिबद्ध है. यह एक ऐसा स्थान बना रहा है, जहां युवा दिमाग तकनीक-प्रथम दुनिया में विकसित हो सकते हैं, निर्माण कर सकते हैं और नेतृत्व कर सकते हैं.

संस्थान की अधिकारी गोपा गोस्वामी ने बताया कि कैसे आइईएम की कैंपस संस्कृति शिक्षाविदों को उद्योग के संपर्क के साथ जोड़ती है. हमारी प्लेसमेंट सफलता व्यावहारिक शिक्षा, इंटर्नशिप और छात्रों को शुरुआती दौर में उद्योगों से जुड़ने में मदद करने पर हमारे मजबूत फोकस से आती है. यह केवल नौकरी पाने के बारे में नहीं है, आगे क्या होनेवाला है, यह उसके लिए तैयार रहने के बारे में है. कई नये छात्रों के लिए रोबोटिक स्वागत आश्चर्यजनक और रोमांचक दोनों था. आसनसोल की प्रथम वर्ष की छात्रा अनन्या दे ने कहा, “मुझे लगा कि ओरिएंटेशन में व्याख्यान और कागजी कार्रवाई होगी. इसके बजाय, मेरा स्वागत रोबोट द्वारा किया गया. इसने मुझे तुरंत महसूस कराया कि मैं सही जगह पर हूं. इस वर्ष आइईएम, पश्चिम बंगाल का पहला संस्थान बन गया है और देश में सबसे पहले संस्थानों में से एक- जिसने अपना शैक्षणिक सत्र शुरू किया है. एक बार फिर यह दर्शाता है कि इसे अक्सर इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में एक कदम आगे क्यों देखा जाता है. इस नयी पहल से छात्रों में काफी उत्साह देखा गया. कार्यक्रम में आइईएम-यूईएम समूह के प्रमुख सदस्य थे. इस संस्थान की अध्यक्ष प्रो बनानी चक्रवर्ती, आइईएम के निदेशक और यूईएम के प्रो-वाइस चांसलर डॉ सत्यजीत चक्रवर्ती के अलावा आइक्यूएसी की निदेशक डॉ राजश्री पॉल और प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार बर उपस्थित थे.

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