लोगों ने ली राहत की सांस कोलकाता. गत शनिवार की सुबह को दक्षिण 24 परगना के कुलतली थाना क्षेत्र के देउलबाड़ी गांव में स्थानीय लोग बाघ के पैरों के निशान देखकर आतंकित हो गये थे. घटना सूचना स्थानीय पुलिस व वन विभाग को दी गयी थी. बाघ को पकड़ने और उसकी तलाश में सारा दिन अभियान चलाया गया. आखिरकार, वन विभाग की कड़ी मेहनत रंग लायी और रविवार को तड़के रॉयल बंगाल टाइगर को पिंजरे में कैद कर लिया गया. बताया जा रहा है कि शनिवार को कई किलोमीटर इधर-उधर भटकने के बाद बाघ ने एक गेस्ट हाउस के बगीचे के घनी झाड़ियों में शरण ली थी. इसकी भनक मिलते ही वन विभाग ने आधी रात को दो बकरियों को चारा बनाकर पिंजरा लगाया गया. वन विभाग के अधिकारियों की यह योजना सफल रही और सुंदरबन का यह रॉयल बंगाल टाइगर इस दिन तड़के पिंजरे में कैद हो गया. रॉयल बंगाल टाइगर के पकड़े जाने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. बाद में बाघ के स्वास्थ्य की जांच के बाद वन विभाग के कर्मियों द्वारा उसे सुरक्षित सुंदरवन टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया.
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