बेलगछिया सेंट्रल डंपिंग ग्राउंड : तीन वार्डों में गंभीर जलजमाव, लोग परेशान
बार-बार पथावरोध के बावजूद समस्या जस की तस
कुंदन झा, हावड़ा
बेलगछिया सेंट्रल डंपिंग ग्राउंड (भगाड़) में करीब डेढ़ महीने पहले हुए भू-धंसान के बाद से इलाके की सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. इसका सबसे बड़ा असर वार्ड नंबर सात, आठ और नौ के इलाकों- बी रोड, सी रोड, विवेकनगर और बनारस रोड पर पड़ा है, जहां जल निकासी की गंभीर समस्या ने लोगों का जीवन दूभर बना दिया है.
इलाके में गंदे नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे सड़कें कीचड़ और बदबू से भर गयी हैं. हालात तब और बिगड़ जाते हैं, जब बारिश होती है और नालों का पानी घरों में घुसने लगता है. स्थानीय निवासियों ने पिछले एक महीने में कई बार बनारस रोड पर पथावरोध किया, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है.
जानकारी के अनुसार, बेलगछिया भगाड़ के पास से गुजरने वाली एक अहम पाइपलाइन पोचा खाल में जाकर गिरती थी, जो उत्तर हावड़ा के कई वार्डों के नालों का गंदा पानी ढोती थी. लेकिन 45 दिन पहले भू-धंसान के कारण यह पाइपलाइन टूट चुकी है और तब से इलाके की सीवेज व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है.
कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (केएमडीए) के इंजीनियरों द्वारा वैकल्पिक निकासी व्यवस्था बनाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन भू-धंसान की गंभीरता के कारण कार्य में लगातार अड़चनें आ रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि जमीन इतनी धंस चुकी है कि मुख्य पाइपलाइन की मरम्मत अब लगभग असंभव हो गयी है.
इधर, हाल ही में जल जमाव के मुद्दे पर स्थानीय विधायक गौतम चौधरी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे, जहां उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. उन्होंने आश्वासन दिया कि पांच दिनों के भीतर समस्या का समाधान किया जायेगा और यदि समाधान नहीं हुआ, तो वह स्वयं पीड़ितों के साथ मिलकर केएमडीए कार्यालय जायेंगे.
स्थानीय महिलाओं ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछले दो महीनों से गंदे पानी में चलना पड़ रहा है और बारिश के दिनों में घरों में पानी घुस जाता है.
केएमडीए के अधिकारियों का कहना है कि वे हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद है कि अगले 15 दिनों के भीतर वैकल्पिक निकासी मार्ग तैयार कर लिया जायेगा.
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