विस अध्यक्ष ने सदन छोड़ने पर भाजपा विधायकों के भाषणों को कार्यवाही से हटाया

विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने गुरुवार को दो भाजपा विधायकों के भाषणों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया.

By AKHILESH KUMAR SINGH | June 20, 2025 1:53 AM
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कोलकाता. विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने गुरुवार को दो भाजपा विधायकों के भाषणों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया. विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है, क्योंकि वे पार्टी के अन्य विधायकों के साथ पश्चिम बंगाल बिक्री कर (विवादों का निबटान) संशोधन विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेने के तुरंत बाद मंत्री के जवाबी भाषण से ठीक पहले सदन से बाहर चले गये थे. विपक्षी भाजपा सदस्यों की अनुपस्थिति में, वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा जवाबी भाषण दिये जाने के बाद संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने विधेयक का अध्ययन करने के लिए बहुत कम समय दिये जाने पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मंत्री के जवाब से पहले सदन छोड़ने का फैसला किया. दरअसल, विधेयक पर चर्चा के बाद वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने जैसे ही जवाबी भाषण शुरू किया, सदन में मौजूद सभी भाजपा विधेयक बाहर निकल गये. इस पर मंत्री सहित सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने कड़ी आपत्ति जतायी. अध्यक्ष ने भी विपक्षी सदस्यों के आचरण को अशोभनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा विधायक अशोक लाहिड़ी व अंबिका राय द्वारा विधेयक पर चर्चा के दौरान दिये गये भाषणों को कार्यवाही से हटाने की घोषणा की. इस संबंध में तृणमूल द्वारा शुक्रवार को एक प्रस्ताव भी लाया जायेगा. अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के नियमों के अनुसार, सदस्य अपने भाषण देने के तुरंत बाद सदन नहीं छोड़ सकते.

मंत्री ने भाजपा विधायकों के आचरण की निंदा की

इससे पहले, मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भाजपा विधायकों के आचरण की आलोचना करते हुए कहा कि यह सही है कि सदन विपक्ष का भी है. लेकिन खुद बोलकर जवाब के समय वे सदन छोड़ कर भाग जायेंगे. ये नहीं चलेगा. उन्होंने अध्यक्ष से इस मामले में कार्रवाई की मांग की. संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने भी भाजपा विधायकों के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि मंत्री का जवाब सुनना होगा. यह संसदीय रीति-नीति है. उन्होंने शिकायत की कि अक्सर भाजपा विधायक पहले सदन में बोल देते हैं और मंत्री के जवाब के समय सदन से चले जाते हैं. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसा भाजपा विधायक करते हैं, उसी तरह उनके बोलने के समय अब तृणमूल के सदस्य भी सदन से बाहर चले जायेंगे. विधेयक को लेकर चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि संशोधन का उद्देश्य करदाता और राज्य सरकार, दोनों को लाभ पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि यदि मूल कर की वसूली कानूनी विवादों के बिना समझौते के माध्यम से होती है, तो यह करदाता और राज्य सरकार, दोनों के लिए जीत वाली स्थिति होगी.
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