West Bengal : सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों में 3 महीने के भीतर कुलपतियों की नियुक्ति के दिए निर्देश
West Bengal : सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह प्रक्रिया अगले 2 सप्ताह के भीतर शुरू कर दी जानी चाहिए. सरकार को तीन महीने के अंदर विज्ञापन देकर प्रक्रिया पूरी करनी है. ब्रत्य बसु इस निर्देश से खुश हैं. उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, लोकतंत्र जीत गया.
By Shinki Singh | July 8, 2024 3:50 PM
West Bengal : सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति में लगातार हो रही देरी व गड़बड़ी को दूर करने के लिए कई आदेश जारी किए है. शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सभी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता में पैनल का किया गठन. सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह प्रक्रिया अगले 2 सप्ताह के भीतर शुरू कर दी जानी चाहिए. सरकार को तीन महीने के अंदर विज्ञापन देकर प्रक्रिया पूरी करनी है. ब्रत्य बसु इस निर्देश से खुश हैं. उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, लोकतंत्र जीत गया.
प्रक्रिया अगले 2 सप्ताह के भीतर कर दी जाएंगी शुरु
सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक साथ समितियां बनाई जा सकती हैं. अध्यक्ष विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग खोज समितियां भी बना सकता है. समिति प्रत्येक विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन के लिए तीन नामों को शॉर्टलिस्ट करेगी. उन तीनों के नाम मुख्यमंत्री के पास जायेंगे. वहां से मुख्यमंत्री उनका चयन करेंगी. इसके बाद सूची राज्यपाल के पास जायेगी. यह प्रक्रिया अगले 2 सप्ताह के भीतर शुरू कर दी जानी चाहिए. सरकार को 3 महीने के अंदर विज्ञापन देकर प्रक्रिया पूरी करनी है. विज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लेख होना चाहिए. पूरी प्रक्रिया का खर्च राज्य सरकार को देना होगा.
राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल और सरकार के बीच टकरार जारी है. ऐसे में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया. राज्य सरकार ने उस मामले में सीवी आनंद बोस के खिलाफ कुलपति की एकतरफा नियुक्ति का आरोप लगाया था. इसके बाद कई सुनवाइयों में मामले की प्रकृति पर चर्चा हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन में शिष्टाचार मुलाकात भी की थी. पिछली सुनवाई में राज्यपाल के वकील को कई बार कोर्ट की ओर से फटकार भी लगाई गई थी.