कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुके लगभग 26 हजार शिक्षक व गैर शिक्षाकर्मी अपनी नौकरी बहाल रखने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इनमें से एक बेरोजगार शिक्षिका ने राष्ट्रपति के पास स्वैच्छिक मृत्यु याचिका दायर की है. मंगलवार की दोपहर बेरोजगार शिक्षिका मौमिता पाल ने अलीपुरदुआर कोर्ट पोस्ट ऑफिस में जाकर यह याचिका दायर की. सूत्रों के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों से बेरोजगार शिक्षिकाओं ने राष्ट्रपति को आवेदन पत्र भेजा है. मंगलवार को शिक्षिका ने फिर से पंजीकरण कराकर आवेदन पत्र भेजा है. टीचर मौमिता ने कहा, हमने राष्ट्रपति के पास अपनी स्वैच्छिक मृत्यु याचिका दायर की है. लिखा है, दरअसल हम आपको अपनी स्थिति बताना चाहते हैं. हमने अपनी नौकरी खो दी है और सड़क पर बैठे हैं. सूत्रों के अनुसार उसके बाद शिक्षाकर्मी भी उसी तरह पत्र लिखकर राष्ट्रपति को आवेदन देने वाले हैं. बेरोजगार ग्रुप सी-ग्रुप डी कर्मी बुधवार की दोपहर अलीपुरदुआर कोर्ट पोस्ट ऑफिस में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी मांग भेज रहे हैं. गौरतलब है कि 29 मई को देश के प्रधानमंत्री के अलीपुरदुआर शहर आने से पहले अलीपुरद्वार के बेरोजगार शिक्षकों ने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए संसद और जिला मजिस्ट्रेट के पास याचिका दायर की थी. बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति नहीं मिली. उसके बाद कुछ शिक्षकों ने कहा कि बेरोजगार शिक्षकों ने आखिरकार यह रास्ता चुना है. फिर बुधवार को कई गैर-शिक्षण बेरोजगार कर्मियों ने राष्ट्रपति को आवेदन दिया और डाकघर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया. गौरतलब है कि राज्य सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नयी परीक्षा अधिसूचना जारी कर चुकी है. हालांकि उस अधिसूचना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है. इस बीच बेरोजगार शिक्षकों ने भी साफ कर दिया है कि वे दोबारा परीक्षा में नहीं बैठेंगे. इस बार वे निराश होकर इच्छा मृत्यु का आवेदन कर रहे हैं.
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