तृणमूल नेता साकेत गोखले ने शनिवार को जापान में भारतीय राजदूत से आग्रह किया कि वह टोक्यो स्थित अंतिम संस्कार स्थल तमा में स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस की समाधि की ‘चिंताजनक’ स्थिति के बारे में जापानी अधिकारियों से तुरंत बात करें.
गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बोस को ‘बंगाल का राष्ट्रीय नायक’ बताया और कहा कि उनकी समाधि उपेक्षित स्थिति में है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारत के कई शीर्ष नेता वहां गये हैं. गोखले ने कहा, “कल (शुक्रवार को) अभिषेक बनर्जी श्रद्धांजलि देने के लिए जापान में उनके (बोस के) स्मारक गये थे. उनका अनुसरण करते हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों और भारतीय राजदूत ने आज (शनिवार को) स्मारक का दौरा किया. सबसे ज्यादा चिंता की बात है स्मारक की हालत, जिसे अभिषेक बनर्जी ने रेखांकित किया. यह जीर्ण-शीर्ण है और इसका रखरखाव भी ठीक से नहीं किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी समेत कई गणमान्य व्यक्ति पहले भी इस स्मारक का दौरा कर चुके हैं, लेकिन दुख की बात है कि कल (शुक्रवार को) जब तक तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने इस पर प्रकाश नहीं डाला, तब तक किसी ने भी इसके रखरखाव का मुद्दा नहीं उठाया.”
बोस ने भारतीय राष्ट्रीय सेना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे आजाद हिंद फौज के नाम से भी जाना जाता है. वर्ष 1908 के अलीपुर बम मामले के मुकदमों से बचने के लिए बोस बंगाल से चले गये. गदर विद्रोह के विफल होने के बाद पकड़े जाने से बचने के लिए बोस 1915 में जापान पहुंच थे.
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