मणिपाल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने की जटिल एंजियोप्लास्टी कोलकाता. समय पर और उन्नत चिकित्सा सुविधाएं कैसे जीवन बचा सकती हैं, इसका एक और उदाहरण दक्षिण कोलकाता के मुकुंदपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल ने पेश किया है. अस्पताल के डॉक्टरों ने हावड़ा के 56 वर्षीय एक पुरुष मरीज को गंभीर दिल का दौरा पड़ने के बाद नया जीवन दिया है. मरीज मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित था. मरीज को पहले सीने में अत्यधिक दर्द की शिकायत के बाद एक स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे मणिपाल हॉस्पिटल रेफर किया गया. अस्पताल में उसे तुरंत भर्ती कर ट्रोपोनिन टी (टीआरओपी टी) परीक्षण और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) जांच की गयी. यह सभी जांचें वरिष्ठ इंटरवेंशनल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ परिजात देब चौधरी की निगरानी में की गयीं. रिपोर्टों ने पुष्टि की कि मरीज को दिल का गंभीर दौरा पड़ा था. हृदय की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए डॉक्टरों की टीम ने ट्रांसरैडियल एंजियोग्राफी (कलाई के माध्यम से की जाने वाली दर्दरहित और रक्तरहित हृदय जांच) की. इस जांच में सामने आया कि मरीज की हृदय की बायीं मुख्य धमनी (लेफ्ट मेन आर्टरी) में गंभीर रुकावट थी. यह मामला अत्यंत जोखिमपूर्ण था, इसलिए डॉ परिजात और उनकी कुशल टीम ने इन्ट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आइवीयूएस) द्वारा मार्गदर्शित लेफ्ट मेन बाइफर्केशन एंजियोप्लास्टी नामक एक जटिल प्रक्रिया द्वारा धमनी की ब्लॉकेज को सफलतापूर्वक खोला. डॉक्टरों ने बताया कि धमनी की दीवारों में कैल्शियम जमा होने के कारण वे बहुत कठोर और संकरी हो गयी थीं. विशेषज्ञों की टीम ने वहां विशेष कटिंग बैलून और औषधि-लेपित स्टेंट लगाये, ताकि धमनी खुली रह सके. प्रक्रिया के बाद मरीज थोड़े समय के लिए अस्थिर रहे, लेकिन शीघ्र ही उनकी स्थिति में सुधार हुआ और अगले ही दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.
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