संवाददाता, कोलकाता/नयी दिल्लीतृणमूल कांग्रेस नेताओं के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और सुझाव दिया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाना चाहिए. अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची की समीक्षा हो सकती है.
तृणमूल नेताओं ने मतदान के आंकड़ों को देर से जारी किये जाने का मुद्दा भी उठाया. राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय बलों के बूथों में घुसने और कुछ जगहों पर मतदाताओं को प्रभावित करने का मुद्दा भी उठाया. हकीम ने कहा: हमने उन्हें प्रस्ताव दिया कि अगर केंद्रीय बल है, तो राज्य पुलिस को भी बूथ के अंदर होना चाहिए. तृणमूल की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी लोकतंत्र में दो चीजों का सम्मान करती हैं – निर्वाचन आयोग और उच्चतम न्यायालय. हमारा मानना है कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष रहेगा. प्रतिनिधिमंडल में हकीम और बनर्जी के अलावा राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, अरूप विश्वास और राज्यसभा सदस्य प्रकाश चिक बराइक शामिल थे.
सुझाव: वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाये
चुनाव से पहले बड़ी संख्या में वोटर बढ़ने पर तृणमूल ने जतायी चिंता
तृणमूल के नेताओं ने चुनाव से पहले कथित तौर पर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जोड़ने पर भी चिंता जतायी और हरियाणा तथा दिल्ली का उदाहरण दिया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव से पहले केवल 18 से 21 वर्ष की आयु के नये मतदाताओं को ही जोड़ा जाना चाहिए. बनर्जी ने कहा: लेकिन 50-60 वर्ष की आयु के लोग अचानक बड़ी संख्या में मतदाता सूची का हिस्सा कैसे बन सकते हैं और नये जोड़े गये लोगों की संख्या 40 हजार कैसे हो सकती है?
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