
संवाददाता, कोलकाता. टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड ने पश्चिम बंगाल सरकार से 126 करोड़ में लगभग 40 एकड़ जमीन पट्टे पर ली है. एक अधिकारी के अनुसार, इस अधिग्रहण से कंपनी को हुगली जिले में स्थित अपने उत्तरपाड़ा संयंत्र में वंदे भारत कोच और मेट्रो कोच का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह जमीन कोटरुंग और भद्रकाली मौजा में स्थित है और टीटागढ़ के उत्तरपाड़ा स्थित मौजूदा 34 एकड़ के संयंत्र से सटी हुई है. इससे यह कंपनी की विस्तार योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त जगह बन गयी है. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के साथ 12 जुलाई को 99 साल के लिए यह पट्टा समझौता 126.63 करोड़ में हस्ताक्षरित किया गया है.टीटागढ़ में बनेगा अब वंदे भारत का कोच व पहिया भी
कोलकाता. रेलवे के माल डिब्बे बनाने वाली प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड अब पैसेंजर कोच मैन्यूफैक्चरिंग में बड़ी भागीदारी निभाने वाली है. जानकारी के अनुसार इसी के तहत कंपनी भी अपनी फैक्टरी में विस्तार करना चाहती है. आम पैसेंजर ट्रेनों के स्थान पर लोग तेज रफ्तार और हवाई जहाज की सुविधाओं से भरपूर वंदे भारत ट्रेनों की यात्रा करना पसंद करते हैं. जानकारी के अनुसार कंपनी इस समय मेट्रो रेल के साथ वंदे भारत ट्रेन कोच ट्रेन तो बना ही रही है, अब कंपनी पैसेंजर ट्रेनों के पहिये भी बनाने का काम जल्द शुरू करने वाली है, अधिकारियों का मानना है कि अगले वर्ष तक पहियों का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है.
टीटागढ़ रेल सिस्टम्स (टीआरएस) पहले देश में मालगाड़ी के डिब्बे बनाने के लिए विख्यात थी. कुछ ही साल में यह वैगन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में सामने आ गयी. टीआरएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीआरएस को पहले वैगन बनाने वाली कंपनी के तौर पर जाना जाता था. लेकिन, अब कंपनी का पैसेंजर कोच बनाने का काम वैगन के काम से भी आगे निकल जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है