संवाददाता, कोलकाता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में विगत 22 अप्रैल को जो कुछ हुआ, उसे लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा. आतंकवाद ने दुनिया में जगह-जगह मानवता के सामने चुनौतियां पेश की हैं, पर पहलगाम में इसका जैसा वीभत्स चेहरा दिखा, उसकी कल्पना घटना के वक्त से पहले शायद ही कोई कर सकता था. 26 निर्दोष तथा हंसते-खेलते पर्यटकों की जिंदगी को आतंकवाद ने पूरी नग्नता के साथ लील लिया.
परंतु इस घटना के पश्चात भारत ने आतंकवाद के सबसे बड़े पोषक और अपने अमानवीय आचरण के लिए कुख्यात पड़ोसी पाकिस्तान की सीमा में जो कहर ढाया, उसे भी शायद ही कोई भुला सके. पहलगाम की प्रतिक्रिया में भारत द्वारा विगत सात मई को शुरू किये गये ऑपरेशन सिंदूर को कम से कम पाकिस्तान तो सदियों याद रखेगा ही. यह विशेष सैन्य ऑपरेशन भारतीय सैनिकों के साहस और शौर्य की ऐसा गौरव गाथा बन गया है, जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई पड़ रही है.
इस ऑपरेशन से जुड़े भारतीय पराक्रम के वंदन-अभिनंदन के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था परिवार मिलन ने ‘सिंदूराभिनंदन’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है, जो 15 जून अर्थात रविवार की शाम छह बजे महानगर स्थित इंडियन म्यूजियम परिसर में आशुतोष बर्थ सेंटेनरी हॉल में होगा. भारतीय सैनिकों की गौरव गाथा को नयी ऊंचाई प्रदान करने को ऊपरोक्त कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए भीलवाड़ा के श्री योगेंद्र शर्मा और आगरा की डॉ रुचि चतुर्वेदी के साथ ही बरेली से डॉ राहुल अवस्थी भी पधारेंगे. यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक मंडल की सदस्य दुर्गा व्यास ने दी.
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