बांसबेड़िया में रेलवे के अतिक्रमण हटाने के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

बांसबेड़िया के अवनी पल्ली इलाके में रेलवे की ओर से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ.

By SUBODH KUMAR SINGH | June 4, 2025 12:47 AM
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परिवारों को हटाने की रेलवे की तैयारी

हुगली. बांसबेड़िया के अवनी पल्ली इलाके में रेलवे की ओर से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ. बीते लगभग पचास वर्षों से इस इलाके में रह रहे सैकड़ों परिवारों को रेलवे द्वारा एकतरफा नोटिस थमाकर हटाने की तैयारी किए जाने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि विरोध में उतर आये.

धरना और नेताओं की मौजूदगी

रेलवे ने करीब एक माह पहले 55 परिवारों को उच्छेदन का नोटिस जारी किया था और सोमवार को कार्रवाई की तारीख तय की गयी थी. इस खबर के फैलते ही क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. सुबह से ही बांसबेड़िया स्टेशन से सटे रेलगेट के पास तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू कर दिया. धरने में सप्तग्राम विधानसभा क्षेत्र के विधायक तपन दासगुप्ता, बांसबेड़िया नगरपालिका के चेयरमैन आदित्य नियोगी, उपाध्यक्ष शिल्पी चटर्जी, जिला परिषद सदस्य मानव मजूमदार सहित तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

पुनर्वास के बिना हटाना स्वीकार नहीं

विधायक तपन दासगुप्ता ने कहा, हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बिना पुनर्वास के किसी भी परिवार को उजाड़ने नहीं देंगे. आज जब रेलवे की ओर से कार्रवाई की योजना थी, हमने धरना देकर उसका विरोध किया. यदि रेलवे कोई वैकल्पिक स्थान देती है, तो हम स्वयं इन परिवारों को वहां स्थानांतरित करने में सहयोग करेंगे.

रेलवे अधिकारियों से हुई वार्ता

धरना स्थल पर पहुंचे रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बातचीत की. वार्ता के दौरान तय हुआ कि आगामी सोमवार को बंडेल में रेलवे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच बैठक आयोजित की जायेगी. आंदोलन की आगे की दिशा उसी बैठक के परिणाम पर निर्भर करेगी.

तृणमूल नेतृत्व की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि पुनर्वास के बिना किसी भी स्थिति में उच्छेदन को मंजूरी नहीं दी जायेगी. स्थानीय निवासियों ने भी तृणमूल के इस समर्थन को राहत की सांस बताते हुए कहा कि वे वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं और उनके लिए अचानक हटाया जाना जीवन को संकट में डाल देगा. रेलवे की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है, लेकिन बंडेल की बैठक को लेकर क्षेत्र में सभी की निगाहें टिकी हैं.

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