कोलकाता. वाराणसी साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो अंतरराज्यीय जालसाजों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी, जो कोलकाता के निवासी हैं, नामी कंपनियों के नाम पर फर्जी फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर देशभर में लोगों से लाखों रुपये ठगते थे. यह मामला 16 मई 2025 को सामने आया, जब लोहता निवासी आमिल कुमार सिंह ने वाराणसी साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करायी. आमिल ने बताया कि उन्हें अडानी सीमेंट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 14 लाख रुपये ठगे गये हैं. यह रकम दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गयी थी. मामला दर्ज होते ही डीसीपी क्राइम सरवणन टी के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम ने तुरंत जांच शुरू की. टेक्निकल सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से जालसाजों की पहचान की गयी. एक विशेष टीम को कोलकाता भेजा गया, जहां से संजीत सिंह और कृष्णा शाव नामक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. संजीत सिंह को भाटपाड़ा थाना क्षेत्र से और कृष्णा शाव को जगदल थाना क्षेत्र से पकड़ा गया. एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी नामी कंपनियों से मिलते-जुलते फर्जी डोमेन खरीदते थे. इन डोमेन पर नकली वेबसाइट बनाकर उन्हें फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए प्रमोट किया जाता था. वे उन लोगों को निशाना बनाते थे जो फ्रेंचाइजी लेने की तलाश में रहते थे. जब कोई व्यक्ति उनसे संपर्क करता, तो आरोपी उसे झांसे में लेने के लिए नकली दस्तावेज जैसे इंटेंट लेटर और एप्रूवल लेटर भेजते थे. इसके बाद वे रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट और जीएसटी शुल्क जैसी मदों में लाखों रुपये वसूल लेते थे. यह पैसा विभिन्न बैंक खातों में जमा कराया जाता था, जिसे बाद में आरोपी आपस में बांट लेते थे. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ वाराणसी साइबर क्राइम थाने में मुकदमा संख्या 19/25 के तहत भारतीय दंड संहिता की धाराएं 318(4), 338, 336(3), 340(2), 317(2), 61(2) बीएनएस एवं आइटी एक्ट की धारा 66डी में कार्रवाई की गयी है. दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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