भाजपा ने कहा- तृणमूल के जमाने में आप जो चाहें कर सकते हैं कोलकाता. अहमदाबाद विमान हादसे के बाद दमदम हवाई अड्डे के आसपास ऊंची इमारतों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारत बनाने के लिए उच्च स्तरीय अनुमति लेनी होती है. साथ ही हवाई अड्डा प्रबंधन से भी अनुमति लेनी होती है. कोलकाता के पूर्व मेयर व मंत्री शोभन चटर्जी ने कहा कि हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारतों के निर्माण को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया है. दमदम हवाई अड्डे के रनवे के पास जो रास्ता है, उसकी बांयी ओर एक के बाद एक कई इमारतें बनी हैं. एयरपोर्ट प्राधिकरण के नियम के मुताबिक एयरपोर्ट से 25 किमी इलाके में तीन तल्ला से अधिक मकान नहीं हो सकता है. लेकिन उक्त इलाके में छह मंजिली इमारतें बन गयी हैं. कैसे अनुमति मिल रही है, इसे लेकर ही सवाल उठ रहा है. पूर्व मेयर चटर्जी ने कहा कि नगरपालिका व स्थानीय प्रशासन ऐसी इमारतों को छूट नहीं दे सकता है. उन्होंने कहा कि जहां से विमान आकाश में उड़ान भरता है, और जहां से रनवे पर उतरता है, उस जगह को फानेल जोन कहा जाता है. इस जोन में निर्दिष्ट सीमा से अधिक ऊंचाईवाले मकान नहीं बनाये जा सकते. यदि इससे ऊंची इमारत बनी है तो यह अन्याय है. ऐसा करना उचित नहीं है. इसे लेकर केंद्र व राज्य का गाइडलाइन भी है. उन्होंने एयरपोर्ट के आसपास जैसे राजारहाट, मध्यमग्राम, बिराटी कभी गांव हुआ करते थे. तीन दशक पहले वहां काफी कम लोग रहते थे. बहुमंजिली इमारतें भी नहीं थीं, लेकिन समय के साथ काफी कुछ बदला है. लेकिन समय के साथ नियमों का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि राजारहाट में जो नगरपालिका थी, वह नियमों की परवाह नहीं करती थी. जिसके कारण ही इमारतों की ऊंचाई बढ़ती गयी. तृणमूल प्रवक्ता तन्मय घोष ने कहा कि एयरपोर्ट पहले शहर के बाहर था. समय के साथ जनसंख्या यहां बढ़ी, लेकिन नियम के बाहर कुछ काम हुए हैं, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने यहां पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि रुपये मिलने पर ही यह सब होता है. तृणमूल के जमाने में सब संभव है. आप जो चाहें, वह कर सकते हैं.
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