मनोज पंत के लिये बंगाल की स्थिति से निपटना बड़ी चुनौती
मुख्य सचिव के रूप में गोपालिक का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो गया था. मनोज पंत ऐसे समय में राज्य के मुख्य सचिव का पद संभाल रहे हैं जब राज्य सामाजिक अशांति से गुजर रहा है. उनके प्रभाव राजनीतिक एवं प्रशासनिक क्षेत्रों पर भी पड़ा है. प्रशासनिक हलके में कई लोगों का मानना है कि इस स्थिति से निपटना इस वक्त मनोज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
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24 घंटे के अंदर ही मनोज को मिली बड़ी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रशासनिक स्तर पर कुछ बदलाव किये. 24 घंटे के अंदर ही मनोज को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई.शुक्रवार को नबन्ना में कई अन्य आफिसरों की भी जिम्मेदारियां बदली गईं. वित्त विभाग के सचिव पद पर मनोज की जगह प्रभातकुमार मिश्रा को लाया गया. प्रभातकुमार सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के सचिव थे. मनोज को सिंचाई विभाग के सचिव का पदभार सौंपा गया. हालांकि, 24 घंटे के अंदर ही उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की अधिकारी रोशनी सेन इतने लंबे समय तक मत्स्य विभाग की सचिव थीं. उन्हें जल संसाधन विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
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