क्या था हाइकोर्ट का आदेश
हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती व न्यायाधीश पार्थसारथी चटर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 14 हजार से अधिक रिक्त पदों पर नियुक्तियों को मंजूरी देते हुए नये सिरे से मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट ने 28 अगस्त को यह फैसला सुनाते हुए स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को अगले चार सप्ताह के भीतर सूची जारी करने को कहा था. हाइकोर्ट ने अपने आदेश में 14052 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश देते हुए कहा था कि पिछले पैनल में जिन 1463 अभ्यर्थियों के नाम नहीं थे, उनके नाम भी शामिल कर नये सिरे से पैनल सूची प्रकाशित की जाये.
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क्या है मामला
राज्य शिक्षा विभाग ने वर्ष 2016 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में 14339 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. इसमें कहा गया था कि 2011 व 2015 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) उत्तीर्ण करने वाले आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद वर्ष 2019 में इंटरव्यू के लिए सूची प्रकाशित की गयी, जिस पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी. 2020 में हाइकोर्ट की न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पूरे पैनल को रद्द करते हुए नये सिरे से पैनल प्रकाशित करने का आदेश दिया था. इसके बाद नये सिरे से तालिका प्रकाशित किया गया, लेकिन इसके खिलाफ भी हाइकोर्ट में मामला हुआ.
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11 नवंबर से दूसरे चरण की काउंसीलिंग प्रक्रिया होगी शुरु
इस बार मामले की सुनवाई तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की एकल पीठ में हुई और न्यायाधीश ने नयी सूची पर स्थगनादेश लगा दिया. फिर यह मामला खंडपीठ में गया. खंडपीठ ने 2023 में पैनल प्रकाशित करने की अनुमति दी थी. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एसएससी पैनल तो जारी कर सकता है, लेकिन किसी भी उम्मीदवार की नियुक्ति की सिफारिश नहीं कर सकता. गौरतलब है कि हाइकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्कूल सर्विस कमीशन की ओर से पैनल प्रकाशित कर प्रथम चरण काउंसीलिंग की जा चुकी है. बताया गया है कि 11 नवंबर से दूसरे चरण की काउंसीलिंग प्रक्रिया होगी.