संवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने न्यूटाउन में एक सरकारी मंच से केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर कोई बांग्ला बोलता है, तो उसे बांग्लादेशी का तमगा क्यों दिया जा रहा है. बांग्ला बोलने पर उसे बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है. उसे देश से निकालने का नोटिस जारी किया जा रहा है. ऐसा क्यों?
उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी शरणार्थी 1971 में समझौते के दौरान इस देश में आये थे. उस समय भारत आये शरणार्थी भारतीय नागरिक थे. पश्चिम बंगाल में रहने वाले कई लोग विभाजन से पहले या 1971 में इस देश में आने से पहले पैदा हुए थे. उनकी बोली में स्थानीयता का स्पर्श है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे बांग्लादेशी नहीं हैं. वे पूरी तरह से भारतीय हैं.
उन्होंने कहा कि बंगाल से जो श्रमिक दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं, वे काफी कुशल होते हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर बंगाल को वंचित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा रोके जाने के बावजूद राज्य अपनी पहल पर ‘बांग्ला बाड़ी’ योजना के तहत धन मुहैया करा रहा है. लगातार पांच वर्षों तक पश्चिम बंगाल 100 दिन के काम, ग्रामीण आवास योजना और ग्रामीण सड़क योजना में भारत में नंबर एक रहा. लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों से केंद्र ने हमारा पैसा रोक रखा है.
इन योजनाओं का हुआ उद्घाटन
न्यूटाउन में विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए कम लागत वालीं आवास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दो परियोजनाओं के नाम ”निजन्न” और ”सुजन्न” हैं. ये बहुमंजिली आवास इकाइयां सात एकड़ क्षेत्र में बनायी गयी हैं. ”निजन्न” परियोजना में 300 वर्ग फीट के 490 एक कमरे वाले फ्लैट हैं. ये 15 मंजिली आवास इकाइयां हैं. ये आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बनायी गयी है. ”सुजन्न” में 620 वर्ग फीट के 720 दो कमरों वाले फ्लैट हैं. ये 16 मंजिली आवास इकाइयां हैं. ये निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए बनायी गयी हैं.
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