कल्याणी. नदिया जिले के कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद निकले विजय जुलूस में सॉकेट बम फेंके जाने से एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी. इस दर्दनाक घटना के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है. यह आदेश कृष्णानगर के जिला पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है.
डॉ अर्चना मजूमदार का दौरा, प्रशासन पर सवाल : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ अर्चना मजूमदार मंगलवार को मृत बच्ची के परिवार से मिलने पहुंचीं. उन्होंने कहा, “तमन्ना ने कोई गलती नहीं की थी. वह केवल एक बच्ची थी. वोट के जश्न में एक मां की गोद सूनी हो गयी. यह घटना कुछ दिनों बाद भुला दी जायेगी, लेकिन उस मां का जीवन हमेशा के लिए बदल गया.”
उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “पुलिस ने पहले से सतर्कता क्यों नहीं बरती? विजय जुलूस में बम क्यों थे? खुफिया विभाग क्या कर रहा था?” उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं एसपी से जवाब तलब किया है और इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.
विजय के जश्न में हिंसा
सोमवार को मतगणना के दौरान जैसे ही तृणमूल प्रत्याशी की बढ़त स्पष्ट हुई, दोपहर 12 बजे विजय जुलूस निकाला गया. इसी दौरान माकपा समर्थकों के घरों पर हमले और बमबारी की खबरें सामने आयीं. तमन्ना की मौत के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है.
पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है. मृतक के परिजनों ने निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है. इस घटना ने न सिर्फ राजनीतिक हलचल पैदा की है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और चुनावी जश्न के तरीके पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिये हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है