डिजिटल युग में संताली भाषा के संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल
By GANESH MAHTO | July 2, 2025 1:24 AM
कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के स्कूल ऑफ कल्चरल टेक्स्ट्स एंड रिकॉर्ड्स (एससीटीआर) ने डिजिटल युग में संताली भाषा को जीवित रखने के प्रयास के तहत एक अनूठी कार्यशाला का आयोजन किया है. इस कार्यशाला में विकिसोर्स प्लेटफॉर्म पर ऐतिहासिक दस्तावेजों को संताली भाषा में लिखने में रुचि रखने वाले प्रतिभागी शामिल होंगे.
प्रवास और स्मृति से उपजे दस्तावेज
प्रतिभागियों को मिलेगा व्यावहारिक अनुभव
यह कार्यक्रम पंजीकरण के माध्यम से खुला है. इसमें भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को एक-एक पृष्ठ का प्रतिलेखन करना होगा ताकि उन्हें व्यावहारिक अनुभव मिले और वे भविष्य में स्वयं भी योगदान दे सकें. एससीटीआर की परियोजना ‘‘पूर्वी भारत में 1890 और 1975 के बीच प्रकाशित प्रारंभिक संताली पत्रिकाओं का पता लगाकर उनका डिजिटलीकरण’’ भी जारी है. इस परियोजना के तहत संताली भाषा में लगभग 5,000 दुर्लभ दस्तावेजों और छवियों का डिजिटलीकरण और संरक्षण किया गया है. प्रदर्शनी में आगंतुकों को संथालों की समृद्ध साहित्यिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का अवसर मिलेगा.
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