महकमा परिषद चुनाव: आतंक फैलाने के आरोपों को किया खारिज
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में चुनाव प्रचार क े अंतिम दिन नेतओं की गहमा गहमी बनी रही. दार्जिलिंग जिला वाम मोरचा द्वारा मुख्यमंत्री को प्रचार में उतरने की चुनौती देने के बाद राज्य के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी पिछले दो दिनों से महकमा परिषद के त्रिस्तरीय चुनाव मंे तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार में उतरे. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2015 7:37 AM
उन्होंने कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के मुकाबले में कोई विरोधी पार्टी ही नहीं है.वामो के 34 वर्षों के अन्धकारमय शासन के बाद राज्य की जनता ने बंगाल की बागडोर ममता बनर्जी को सौंपा है. पिछली वामो सरकार ने उत्तर बंगाल की उपेक्षा की थी. ममता बनर्जी के सत्ता में आते ही उत्तर बंगाल के लिए एक अलग मंत्रालय व नागरिकों की मांग के अनुसार सिलीगुड़ी में उत्तरकन्या मिनी सचिवालय बनाया.
राज्य सरकार के विकास मूलक कार्यों का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य सरकार को विभिन्न चुनाव के बाद सिर्फ ढ़ाई वर्ष का ही समय विकास कार्यों के लिए मिलता है एवं इन ढ़ाई वर्षों में ममता बनर्जी द्वारा किये गये विकास के काम एतिहासिक है.गौरतलब है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद का चुनाव 14 माह पहले ही हो जाना चाहिए था लेकिन अब चुनाव कराया जा रहा है.इस विषय पर मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछने पर उन्होेंने इसकी जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग के कंधो पर डालते हुए पूरे विषय को टाल गए. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद पहाड़ शांत है.यह अलग बात है कि गोजमुमो नेता बिमल गुरूंग ममता बनर्जी पर विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दुर्गा पूजा से पहले या बाद में अलग राज्य को लेकर आन्दोलन की घोषणा कर चुके हैं.पार्थ चटर्जी ने कहा कि चाय बगान में पहले तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन की स्थिति मजबूत नहीं थी.अब चाय श्रमिकों को अन्य ट्रेड यूनियनों की असलियत का चता चल गया है.इसलिए अब सभी तृणमूल का दामन थाम रहे हैं.उन्होंने वाम मोरचा,कांग्रेस व भाजपा पर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी एक साथ मिलकर तृणमूल क ा विरोध कर चुनाव लड़ रहें हैं.तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आतंक फैलाने का इनलोगों का आरोप हास्यकर है. इस तरह के आरोप लगाने से विपक्ष को कोइ फायदा नहीं होने वाला है.