सिलीगुड़ी: बंगाली समुदाय के लख्खी(लक्ष्मी पूजा) विशेष रूप से मनाया जाता है. इस दिन अपने आस-पास के रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ यह उत्सव मनया जाता है.
घर में दीप और आंगन में अल्पना के साथ विभिन्न रंग के मिष्ठान और पकवानों से आतिथ्य सेवा की परंपरा है. लेकिन मूल्य वृद्धि से मां लक्ष्मी की अराधना मुश्किल हो रही है. गेंदा फूल की एक लड़ी जो पहले सात से आठ रूपये में मिलता था. वह 20 से 25 हो गया है. कमल का फूल चढ़ाना अनिवार्य है. इसलिए इसका मूल्य आठ रूपये से 20 रूपये हो गया.
नारियल का लड्डू शायद इस बार कम खाना पड़े. एक नारियल की कीमत 40 से 45 रूपये है, जो पहले 25 रूपये में आसानी से मिल जाता था. धान का पौधा पांच रूपया. लक्ष्मी की एक फीट की प्रतिमा जो पहले 40-50 में मिल जाता था, अब 70 से 80 से कम में देने के लिए टस से मस नहीं हो रहे है. फूलगोभी जो एक सप्ताह पहले 40 रूपये था.
अब इसकी कीमत 70 से 75 हो गयी. हर सब्जी महंगी. हर फल 30 से 40 फीसदी अधिक के भाव से आज बीकते दिखा. हाकिमपाड़ा की देवालीना ने बताया कि पूजा तो करना पड़ेगा लेकिन इस बार कंजूसी करके करना पड़ेगा. बजट काफी बढ़ गया है. इस बार घर के सदस्यों के साथ ही पूजा मनाना पड़े. आतिथ्य सत्कार के लिए उतनी सामग्री जुटाने में मुश्किल हो रही है.
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