Home Technology 1 घंटे से ज्यादा रोज स्क्रीन पर नजरें गड़ाओगे तो बड़ा पछताओगे, जानो काम की बात

1 घंटे से ज्यादा रोज स्क्रीन पर नजरें गड़ाओगे तो बड़ा पछताओगे, जानो काम की बात

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1 घंटे से ज्यादा रोज स्क्रीन पर नजरें गड़ाओगे तो बड़ा पछताओगे, जानो काम की बात
Limit Screen Time / AI Image

Limit Screen Time: आज की डिजिटल लाइफस्टाइल में स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल करना आम बात हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिक समय तक स्क्रीन देखने से आंखों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं? विशेषज्ञों के अनुसार, स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग में देखी जा रही है.

क्या है मायोपिया?

मायोपिया एक नेत्र विकार है, जिसमें व्यक्ति को पास की चीजें स्पष्ट दिखाई देती हैं, लेकिन दूर की वस्तुएं धुंधली नजर आती हैं. यह समस्या आंखों की रेटिना और लेंस के बीच असंतुलन के कारण होती है. लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने या मोबाइल, लैपटॉप और टीवी देखने से आंखों पर दबाव बढ़ता है, जिससे मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है.

मायोपिया के प्रमुख लक्षण

मायोपिया के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

दूर की चीजों को देखने में कठिनाई
सिरदर्द और आंखों में तनाव
पढ़ाई या स्क्रीन देखने के दौरान आंखों में जलन
बार-बार आंखें मिचमिचाना या धुंधलापन महसूस होना
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत आंखों की जांच करानी चाहिए.

मायोपिया के कारण

मायोपिया होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

अधिक स्क्रीन टाइम: लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों पर तनाव बढ़ता है
अप्राकृतिक रोशनी: कम रोशनी में पढ़ाई या स्क्रीन देखने से आंखों की मांसपेशियों पर असर पड़ता है
अनुवांशिकता: यदि माता-पिता को मायोपिया है, तो बच्चों में भी इसकी संभावना अधिक होती है
आंखों की देखभाल में लापरवाही: नियमित रूप से आंखों की जांच न कराना और आंखों की सही देखभाल न करना.

मायोपिया से बचाव के उपाय

मायोपिया से बचने के लिए इन उपायों को अपनाना चाहिए:

स्क्रीन टाइम सीमित करें और बीच-बीच में ब्रेक लें
प्राकृतिक रोशनी में पढ़ाई करें और आंखों की एक्सरसाइज करें
हेल्दी डाइट लें, जिसमें विटामिन ए और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल हों
नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं.

पते की बात – यह है कि आधुनिक जीवनशैली में स्क्रीन टाइम को सीमित करना और आंखों की नियमित देखभाल करना मायोपिया से बचने के लिए जरूरी है. समय पर जांच और सही आदतें अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है.

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राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए rajeev.kumar@prabhatkhabar.in पर
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