10 लाख लोगों के लिए खड़ा हो सकता है पीने के पानी का संकट

झारखंड के कई इलाकों में सूखे का खतरा बढ़ रहा है. मॉनसून की अनदेखी का असर शहर की लाइफ लाइन कहे जानेवाले रुक्का (गेतलसूद) डैम व कांके डैम पर पड़ा है. रुक्का डैम में इस्तेमाल योग्य सिर्फ एक फीट ही पानी बचा है. इससे दो माह तक ही शहर की 10 लाख आबादी की प्यास बुझ सकती है.

By PankajKumar Pathak | July 29, 2022 5:44 PM
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झारखंड के कई इलाकों में सूखे का खतरा बढ़ रहा है. मॉनसून की अनदेखी का असर शहर की लाइफ लाइन कहे जानेवाले रुक्का (गेतलसूद) डैम व कांके डैम पर पड़ा है. रुक्का डैम में इस्तेमाल योग्य सिर्फ एक फीट ही पानी बचा है.

इससे दो माह तक ही शहर की 10 लाख आबादी की प्यास बुझ सकती है. डैम के जलस्तर में आयी कमी को देखते हुए विभाग ने सिकिदरी हाइडल पावर प्रोजेक्ट को पानी देना बंद कर दिया है. ऐसे में सिकिदरी से बिजली का उत्पादन ठप हो गया है. फिलहाल रुक्का डैम का जलस्तर 15 फीट तक पहुंच गया है. ऐसे में अधिक से अधिक एक फीट ही सप्लाई वाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.

पिछले साल की तुलना में डैम के जलस्तर में नौ फीट की गिरावट आयी है. 28 जुलाई 2021 को रुक्का डैम में 24 फीट पानी था. कांके डैम का जलस्तर भी साढ़े छह फीट तक नीचे गिरा है. अभी 16.5 फीट पानी बचा है. 28 जुलाई 2021 को डैम का जलस्तर 23 फीट था. कांके डैम में तीन साल पहले इतना नीचे जलस्तर पहुंचा था.

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